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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इसे लोकतंत्र में काला अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने फोन न उठाए जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसा करके उन्होंने नैतिकता और मर्यादाओं को तार-तार कर दिया।
पंजाब कांग्रेस ने ओछी मानसिकता का परिचय दिया
मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीटर पर लिखा कि पंजाब में कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के साथ समझौता हुआ और लोगों को अपने प्रिय नेता को सुनने आने से रोका गया, ये पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और निंदनीय है।
कांग्रेस नेता अपनी जिम्मेदारियां तो बहुत पहले ही भुला चुके थे और अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फोन तक न उठाकर नैतिकता और मर्यादाओं को तार-तार कर संघीय व्यवस्था का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि वो इस प्रकार का प्रपंच कर प्रदेश की जनता को भाजपा और विकास से दूर कर देंगे तो उनका अनुमान गलत है। पंजाब इनकी सच्चाई को जान चुका है और जनता अब राज्य में खुशहाली और सुशासन चाहती है।