कोरोना की वापसी, देहरादून में दो स्थानों पर लगा लॉकडाउन, तीसरी लहर की आशंका से सहमे लोग

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भारत में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के मामलों की संख्या ने उत्तराखण्ड को भी अपनी चपेट में ले लिया है। राजधानी देहरादून में आईएफएस अधिकारियों के एक समूह में कोरोना की पुष्टि के बाद दो इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया गया है।

उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ फिर बढ़ने लगा है। देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में मिड टर्म ट्रेनिंग में आए 11 वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सभी को एफआरआई परिसर स्थित हास्टल में आइसोलेट कर दिया गया है। अकादमी के अपर निदेशक डा. एसके अवस्थी ने बताया कि 48 अधिकारियों का दल पहले लखनऊ ट्रेनिंग पर था। इसके बाद दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए गया।

 दिल्ली से दून प्रस्थान के दौरान सभी के सैंपल लिए गए थे, जिसमें आठ अधिकारी संक्रमित पाए गए। इसके बाद दून में सभी 48 की सैंपलिंग की गई और तीन अन्य के साथ संक्रमितों की संख्या 11 पहुंच गई है। इन 11 आईएफएस समेत सात अन्य लोग कोरोनावायरस से संक्रमित मिले हैं। तिब्बती समुदाय के सात लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें तीन क्लेमेनटाउन क्षेत्र के और चार सहस्रधारा रोड स्थित तिब्बतन कालोनी से हैं।

दो क्षेत्र किए गए कंटेनमेंट जोन घोषित देहरादून के जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि जनपद क्षेत्र अंतर्गत इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई एवं जी-2 बी-19 तिब्बतन कालोनी डिक्लिन सहस्त्रधारा रोड कुल्हाल में कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति चिह्नित होने के बाद इन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां एक तरह से लॉकडाउन रहेगा। जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को इन इलाकों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सधिकारी को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कार्य कराते हुए इसकी नियमित मॉनिटरिंग कराने तथा जिला पूर्ति अधिकारी को उक्त क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए। डीएम ने राजधानीवासियों से मास्क का उपयोग तथा बाजारों एवं सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी का पालन करने का अनुरोध किया।

हर स्तर पर बरती जा रही लापरवाही कोरोना के नियमों को लेकर हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। चाहे आम नागरिक हों या फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री। सभी अब बगैर मास्क के नजर आने लगे हैं। जब सीएम ही मास्क नहीं पहनते तो आम जनता से फिर क्या उम्मीद की जाएगी। इतना ही नहीं प्रदेश में कोरोना के प्रतिबंध भी अब समाप्त कर दिए गए हैं। स्कूलों भी खुल गए और बाजारों में भी पहले जैसी भीड़ हो रही है। स्थितियों को सामान्य जानकर ही लोगों ने मास्क तक का प्रयोग बंद कर दिया है। सड़क से लेकर सचिवालय तक यही स्थिति है। उधर राजधानी में कोरोना के नए मामलों को देखते हुए उत्तराखण्ड के तीसरी लहर की चपेट में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उत्तराखण्ड भारत का कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य है जहां कोरोना संक्रमण के मामलों में ऐसा उछाल देखने को मिल रहा है।

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