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दून के प्रवेश स्थल आइएसबीटी पर व्यवस्था का ऐसा सच देखकर यात्री एक पल में ही दून के प्रति अपनी छवि बना लेते हैं। अंतर यह है कि यदि छवि सुंदर दून की जगह बदहाल दून की होती है। क्योंकि दून शहर की तरफ आने वाली सर्विस लेन पर जब-तब सीवर बहता रहता है और सीवर का चैंबर गड्ढे के रूप में तब्दील हो गए हैं। इसके चलते आए दिन यहां पर कभी कार का निचला हिस्सा टकरा जाता है, तो कभी दुपहिया वाहन रपट जाते हैं।
करीब चार साल पहले इस हिस्से पर एडीबी के तहत उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी (यूयूएसडीए) ने सीवर लाइन बिछाई थी। निर्माण के समय से सीवर लाइन में त्रुटि रह गई है। शिमला बाईपास चौक की तरफ से एक ढाल लिए सीवर लाइन आ रही है, मगर आइएसबीटी चौक से पहले इसका ढाल नियमों के अनुरूप नहीं है। इसके चलते लाइन में जब भी सीवर का लोड बढ़ता है तो वह इस चैंबर से बाहर निकलने लगता है। इस चैंबर से अक्सर सीवर निकलता दिख जाएगा। इससे न सिर्फ दुर्गंध उठती रहती है, बल्कि सड़क के पैच भी टिक नहीं पाते। वाहन चालकों से लेकर राहगीरों तक को यहां से निकलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जल संस्थान के पास लाइन साफ कराने का चारा
सीवर लाइन में तकनीकी खामी रह जाने के चलते जल संस्थान भी इस समस्या को दूर करने में बेबस दिख रहा है। जब भी सीवर ओवरफ्लो होता है तो जल संस्थान के अधिकारी इसकी सफाई करा देते हैं। बार-बार की समस्या के चलते सीवर लाइन के चैंबर को भी स्थायी रूप में बंद नहीं किया जा रहा। ऐसे में यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जब तक सीवर लाइन की त्रुटि दूर नहीं कर दी जाती, तब तक जनता को राहत नहीं मिलने वाली। जल संस्थान पित्थूवाला जोन के अधिशासी अभियंता राजेंद्र पाल का कहना है कि सीवर लाइन की त्रुटि दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। तब तक यहां लाइन की नियमित सफाई कराई जा रही है।
राजमार्ग खंड ने जल संस्थान को भेजा पत्र
यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधीन है। सड़क पर बार-बार सीवर बहने के चलते गड्ढों की समस्या को देखते हुए राजमार्ग खंड के अधिकारी भी परेशान हैं। इसको लेकर खंड ने जल संस्थान को पत्र भी लिखा है। राजमार्ग खंड की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल का कहना है कि जब तक सीवर की समस्या का हल नहीं हो जाता, तब तक सड़क लंबे समय तक ठीक नहीं रह सकती है।