Rajender Singh for NEWS EXPRESS INDIA
देश की आजादी के बाद आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जहां सड़क मोटर मार्ग नहीं है. पगडंडियों के सारे गांव तक पहुंचा जाता है. लेकिन अब देहरादून डोईवाला विधानसभा के लेदड़ी गांव के नागरिकों को जान जोखिम में डालकर जंगली रास्ता नहीं नापना पड़ेगा। लंबे संघर्ष के बाद गांव को जोड़ने के लिए अब कच्चा मोटर मार्ग खुल गया है। लंबे समय से संघर्षरत ग्रामीण अब कच्चा मार्ग मिल जाने पर खुश हैं। देश की आजादी के बाद गांव के संपर्क मार्ग से जुड़ने पर ग्रामीणों ने मिष्ठान वितरण कर जश्न मनाया।
ग्राम सभा सिंधवाल के लेदड़ी गांव में आजादी से भी पहले से कई परिवार रह रहे हैं, मगर उनके पास सिर्फ गुल्लर खाला से होकर जाने वाला पैदल मार्ग ही था। यही आवागमन का एकमात्र मार्ग ग्रामीणों के पास था। इस पैदल मार्ग को भी लगभग चार वर्ष पूर्व क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों ने बंद कर दिया। जिस कारण गांववासी नदी पार कर जंगली जानवरों के खतरे के बीच जंगल मार्ग से होते हुए अपने घर पहुंच पाते थे।
वही गांव में किसी के बीमार होने पर मरीज को कंधे पर लादकर सड़क मार्ग पर ले जाना पड़ता था। और बरसात के दिनों में तो पैदल मार्ग भी बंद हो जाता था जिससे ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
दो वर्ष पूर्व बने सिंधवाल गांव के पुल के बाद भी लेदड़ी के ग्रामीणों की मुसीबत कम नहीं हुई और इनका रास्ता नहीं खुल पाया, जिससे ग्रामीणों को पुल का भी लाभ नहीं मिल पा रहा था। सामाजिक कार्यकर्त्ता महिपाल सिंह कृषाली व शिक्षाविद जगदीश ग्रामीण की पहल पर मीडिया में जब इस मामले को उठाया तो तहसील प्रशासन के सहयोग के बाद इस रास्ते को खुलवाने के लिए प्रयास शुरू हुए।
लंबे संघर्ष के बाद ग्रामीणों का प्रयास रंग लाया जिस पर तहसील प्रशासन ने ग्राम सभा की भूमि पर ग्रामीणों के मार्ग के लिए जगह चिह्नित कर कच्चे मार्ग का निर्माण कराया। ग्राम प्रधान प्रदीप सिंधवाल व क्षेत्र पंचायत सदस्य अतुल पुंडीर के सहयोग से ग्रामीणों को कच्चा मोटर मार्ग मिल गया है। मोटर मार्ग मिलने से ग्रामीणों में बेहद खुशी का माहौल है। शुक्रवार को इस मार्ग पर चौपहिया वाहन चलाकर इसकी शुरुआत कर दी गई। इस अवसर उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल, आनंद मनवाल, कुंवर सिंह, पूर्व प्रधान ओंकार सिंह, अशोक तिवारी, सुखबीर सिंह, रूपसा देवी, नंदा देवी, पुष्पा आदि मौजूद रहे।