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हरिद्वार रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज बनने के बाद इस फाटक को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, कोई दीवार नहीं बनाई गई है। इसी कारण कई बार दोपहिया वाहन चालक बैरियर के नीचे से वाहन निकालकर ट्रैक पार करते हैं।
रेलवे ओवरब्रिज पर लगे जाम से बचने के लिए बंद क्रासिंग पार करते वक्त ट्रेन आती देख स्कूटी सवार युवक ट्रैक पर स्कूटी छोड़कर भाग गया। ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई लेकिन फिर भी स्कूटी क्षतिग्रस्त होकर उसके इंजन में फंस गई। एक बड़ा रेल हादसा होते-होते बचा। दो घंटे की मशक्कत के बाद स्कूटी को काटकर इंजन से निकाला गया तब कहीं जाकर दिल्ली-दून रेल ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन सुचारू हो सका। वहीं स्कूटी सवार के खिलाफ रेलवे एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
हादसा शनिवार दोपहर लगभग 12.30 बजे हरिद्वार रोड स्थित पुराने मोहकमपुर फाटक पर हुआ। हरिद्वार रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज बनने के बाद इस फाटक को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, कोई दीवार नहीं बनाई गई है। इसी कारण कई बार दोपहिया वाहन चालक बैरियर के नीचे से वाहन निकालकर ट्रैक पार करते हैं। शनिवार दोपहर ओवरब्रिज पर जाम लगा तो कुछ लोग ओवरब्रिज के बगल से बंद फाटक की ओर से आने-जाने लगे।
ऋषिकेश की ओर से आ रहा एक स्कूटी सवार ऋषिकेश के सुभाष नगर का रहने वाला देव मिश्रा फाटक के नीचे से निकल कर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। उसी वक्त नई दिल्ली से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस वहां पहुंच गई। तेज रफ्तार ट्रेन को आता देख देव स्कूटी ट्रैक पर ही छोड़कर भाग निकला। ट्रैक पर अवरोध देख ट्रेन चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई लेकिन फिर भी स्कूटी बुरी तरह क्षतिग्रस्त होते हुए इंजन के नीचे फंस गई। ब्रेक के झटके से रेलयात्रियों में अफरातफरी मच गई। हर कोई ट्रेन के इस तरह से रुकने व दुर्घटना की आशंका के चलते पूछताछ करने लगा। रेलकर्मियों के असल स्थिति बताने पर यात्रियों ने राहत की सांस ली।
ट्रेन में तैनात स्टाफ ने इसकी सूचना वारयरलेस सेट से देहरादून रेलवे स्टेशन के कंट्रोल को दी। सूचना पर रेलवे का यांत्रिकी से संबंधित स्टाफ, रेलवे प्रोटेक्शन पुलिस (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) व नेहरू कॉलोनी कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची और रेलकर्मियों और आरोपी युवक से पूछताछ की। रेलवे स्टाफ ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद स्कूटी को इंजन से निकाला और ट्रेन के इंजन की जांच की।
सब कुछ सही पाए जाने पर ट्रेन को दून स्टेशन के लिए रवाना किया गया। नेहरू कालोनी पुलिस ने बताया कि युवक की पहचान देव मिश्रा निवासी ऋषिकेश के रूप में हुई। वह अपने पिता रमेश मिश्र के साथ देहरादून में अपनी बुआ के घर जा रहा था। आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर केसर सिंह के मुताबिक देव मिश्र को चोटें आईं हैं। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में रेलवे एक्ट 153 के तहत मुकदमा दर्ज कर पूछताछ की जा रही है।
लिंक और राफ्ती गंगा एक्सप्रेस भी देरी से हुई रवाना
शताब्दी एक्सप्रेस के आपातस्थिति में मोहकमपुर फाटक के समीप रुकने के कारण यात्रियों को भी मुसीबत झेलनी पड़ी। कई यात्री दूसरे वाहनों से अपने गंतव्य की ओर निकल गए। जबकि कुछ ही यात्री एक घंटे बाद रवाना हुई शताब्दी एक्सप्रेस से दून स्टेशन पहुंचे। वहीं, रेलवे ट्रैक बाधित होने के कारण लिंक एक्सप्रेस और गोरखपुर राफ्ती गंगा एक्सप्रेस भी अपने निर्धारित समय से देरी से रवाना की गई। स्टेशन अधीक्षक सीताराम शंकर ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही दुर्घटनाग्रस्त शताब्दी एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनों के संचालन को लेकर जरूरी कार्य किए गए।
पांच घंटे तक हुई पूछताछ
रेलवे ट्रैक पर स्कूट छोड़ भागने वाले देव मिश्रा से रेलवे स्टाफ, आरपीएफ, जीआरपी और नेहरू कालोनी कोतवाली पुलिस ने पांच घंटे तक पूछताछ की। बाद में उसके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। देहरादून के आरपीएफ इंस्पेक्टर जयसिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
पांच साल की हो सकती है सजा
रेलवे एक्ट 153 के तहत फाटक बंद होने पर ट्रैक पार करना और जाने या अनजाने रेल यात्रियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना या ऐसा कृत्य जो रेल हादसे का कारण बने, करने में आरोपी को अपराध साबित होने पर पांच साल की सजा हो सकती है।