आपने ज़रूर सुना होगा कि डेंगू में क्या खाना चाहिए, डेंगू में ग़लती से भी न खाएं ये 4 चीज़ें,

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देश भर में कोरोना महामारी के बीच फ्लू और डेंगू के मामलों में भी तेज़ी आ रही है। मौसम बदलने पर वायरल फीवर होना आम है। वहीं, हर साल इन महीनों में दिल्ली और देश के कई राज्यों में मच्छरों का क़हर शुरू हो जाता है। इनमें से डेंगू ज़्यादा ख़तरनाक है, क्योंकि इसके कई मामले जानलेवा साबित होते हैं। डेंगू मच्छर के काटने से फैलता है। इसके मामले इसलिए बिगड़ते हैं, क्योंकि सही समय पर इसका डायनॉसिस कई बार नहीं हो पाता है।

डेंगू के लक्षण संक्रमित होने के तीसरे दिन से 14 दिनों तक रहते हैं। डेंगू के शुरुआती लक्षणों में तेज़ बुखार, सिर दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में भयानक दर्द, थकान, आंखों के पीछे दर्द, मतली/उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और भूख न लगना शामिल है। डेंगू को ठीक करने की आजतक कोई दवा नहीं बन पाई है, इससे सिर्फ सही डाइट से उबरा जा सकता है।

आपने ज़रूर सुना होगा कि डेंगू में क्या खाना चाहिए, आज हम आपको बता रहे हैं उन 5 चीज़ों के बारे में जिनसे डेंगू के मरीज़ों को दूरी बनानी चाहिए।

डेंगू से उबर रहे हैं, तो इन चीज़ों से करें परहेज़

1. कैफीन

जब शरीर डेंगू से लड़ रहा होता है, तो उसे खूब तरल पदार्थों की ज़रूरत होती है। जिसमें पानी, नारियल पानी, नींबू पानी लेना चाहिए. लेकिन इसमें चाय और कॉफी कम से कम प्रयोग करें है। कैफीन युक्त ड्रिंक्स दिल की धड़कन बढ़ाने का काम कर सकती हैं, साथ ही थकान और मांसपेशियों में दर्द की तकलीफ बढ़ाती हैं।

2. ऑयली फूड

डेंगू में मरीज़ों को अपनी डाइट का बेहद ख़्याल रखना होता है। ऐसे में ऑयली या फ्राइड फूड से दूर रहना ही बेहतर होता है। इस समय हल्का खाएं जिससे खाना आसानी से पच जाए। ऑयली खाने में फैट्स की मात्रा ज़्यादा होती है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर के साथ कोलेस्ट्रोल भी बढ़ने का ख़तरा होता है।

3. स्पाइसी और मसालेदार खाना

न सिर्फ डेंगू बल्कि किसी भी तरह की बीमारी होने पर मसालेदार खाने से दूरी बनानी चाहिए। ज़्यादा स्पाइसी खाना पेट में एसिड जमा करता है जिससे अल्सर की परेशानी हो सकती है। यानी इससे तबियत ज़्यादा ख़राब हो सकती है, इसलिए जितना हो सके सादा खाना खाएं।

4. मांसाहारी खाने से बनाएं दूरी

डेंगू के मरीज़ों को मांसाहारी खाने से परहेज़ करने की ज़रूरत होती है, क्योंकि इस खाने में काफी मसालों का उपयोग होता है, जो बीमारी में नुकसान पहुंचा सकता है। शरीर पहले ही एक इंफेक्शन से लड़ रहा होता है और ऐसे में उसके लिए नान-वेज जैसे हेवी खाने को पचाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए इस समय हेल्दी लिक्विड डाइट बेहतर मानी जाती है।

लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं. अपनी डाइट में किसी भी तरह के बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से ज़रूर सलाह लें।

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