Rajender Singh
उत्तराखंड के चंपावत में भारी बारिश के साथ आए मलबे की चपेट में आने से लोहाघाट ब्लॉक के नेपाल सीमा से लगे सुल्ला गांव के एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई है। आपदा राहत टीमों ने 18 घंटे की मशक्कत के बाद शवों को मलबे से निकाला।
मंगलवार देर शाम करीब नौ बजे भारी बारिश के दौरान सुल्ला निवासी कैलाश सिंह के भवन में मलबा घुस गया। बारिश का पानी और मलबा इतनी तेजी से घर में घुसा कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। मलबे की चपेट में आने से कैलाश सिंह (32) पुत्र कुंवर सिंह, चंचला देवी (28) पत्नी कैलाश सिंह, रोहित सिंह (12) और भुवन सिंह (8) पुत्र कैलाश सिंह मलबे की चपेट में आ गए।
घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीएम केएन गोस्वामी के निर्देश के निर्देश पर फायर, राजस्व, पंचेश्वर कोतवाली से राहत और बचाव टीमें गांव के लिए रवाना हुईं। बुधवार देर शाम चारों शवों को बरामद कर लिया गया। एसडीएम ने बताया कि चारों शवों का पोस्टमार्टम मौके पर ही किया गया।
भारी बारिश, विद्युत और संचार सेवा ठप होने के चलते राहत कार्य में लगी टीमों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुल्ला गांव में हादसे की सूचना के बाद मंगलवार देर शाम रात और बचाव टीम गांव के लिए निकली। सड़क और संचार सेवा के ठप होने के कारण बचाव दलों को घटनास्थल पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। लोनिवि ने बंद मार्ग खोले, जिसके बाद बचाव दल घटना स्थल पहुंच पाए।
कुमाऊं में बेमौसम बारिश के कहर से सात और गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या अब 55 हो गई है। वहीं, बुधवार को रामनगर में कोसी में बही बच्ची और कांडा (बागेश्वर) में बारिश के दौरान एक पोस्ट ऑफिस कर्मी लापता हैं।
गढ़वाल में 14 लोग लापता बताए गए थे जिनमें देर शाम तीन की मौत की पुष्टि हो गई। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को फोनकर आपदा में हुए नुकसान की जानकारी ली। बुधवार की देर रात देहरादून में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डेरा डालने की सूचना है। बृहस्पतिवार को वह प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के दारमा घाटी के ग्राम चल के बुग्याल गए दो लोगों की बर्फ में दबकर मौत हो गई। ग्राम लदुआ ढिकुली में ऊंट की सवारी कराने वाले बिजनौर निवासी इस्लामुद्दीन उर्फ मुंशी की सात वर्षीय बेटी आलिया रामनगर में कोसी नदी के तेज बहाव में बह गई।
घटना के वक्त बच्ची बकरियों को चराने नदी किनारे गई थी। बच्ची को बहता देख वहां मौजूद पड़ोस की महिला ने भी तेज पानी में छलांग लगा दी, लेकिन वह बच्ची को नहीं बचा पाई। महिला खुद भी बहती चली गई, उसे किसी तरह बचा लिया गया।