पंजाब सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों समेत सात कांग्रेस विधायक बुधवार को उत्तराखंड पहुंचे. त्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ इनकी बैठक हुई.

VS CHAUHAN KI REPORT

पंजाब सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों समेत सात कांग्रेस विधायक बुधवार को उत्तराखंड पहुंचे हैं। राजधानी देहरादून में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ इनकी बैठक हुई. पंजाब के विधायकाें ने अपनी चिंताएं बताईं। ये सभी पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित थे। इनका विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है। वो चाहते हैं कि चुनाव में एक स्पष्ट रोड मैप के साथ उतरें, ताकी चुनाव जीता जा सके।

हरीश रावत ने कहा कि इन विधायकों ने आश्वासन दिया है कि वह पार्टी की एकता के लिए बनाए रखेंगे और उनका पार्टी हाईकमान पर पूरा भरोसा है। विधायकों की चिंताओं को लेकर मैं पार्टी लीडर के पास जाऊंगा। मुझे इन पर पूरा भरोसा है। अगर कहीं पार्टी में थोड़ा डैमेज हुआ भी होगा तो उसकी पूर्ति का रास्ता भी इन्हीं विधायकों में से निकलेगा। इस दौरान पंजाब मुख्यमंत्री और अपनी ही सरकार से कुछ विधायकों की नाराजगी पर हरीश रावत ने हामी भरी। उन्होंने कहा कि ऐसा होता है। पंजाब मुझे जाना चाहिए था, लेकिन मैं नहीं जा सका तो ये विधायक मुझसे मिलने आ गए।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत एक बार फिर पंजाब कांग्रेस के संकट को लेकर सक्रिय हो गए हैं। रावत पंजाब के प्रभारी हैं, लिहाजा इस राजनीतिक घटनाक्रम में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। इस सिलसिले में रावत से मिलने पंजाब के सात विधायक उत्तराखंड पहुंचे.

आपको बता दें कि पंजाब में मंगलवार को 30 कांग्रेस विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल देने के बाद देहरादून में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के आवास पर हलचल बढ़ गई।

हालांकि, दोपहर में उन्होंने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।रावत ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि विधायकों में असंतोष के मामले का समाधान उनके ही स्तर पर हो जाए, लेकिन जरूरत हुई तो उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलवाया जा सकता है। इसमें गलत कुछ भी नहीं है कि विधायक पार्टी अध्यक्ष से मिलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की घटनाएं साधारण ही होती हैं। सूत्रों के मुताबिक रावत देहरादून से पंजाब के राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए हैं। पार्टी विधायकों के साथ ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू से भी उनकी फोन पर बात हुई है। मुख्यमंत्री कै. अमरिंदर सिंह समर्थक विधायकों से भी उन्होंने बात की।  सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत ने कहा कि पंजाब का चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच जो वैचारिक मतभेद हैं उन्हें दूर करना होगा. कोई भी ऐसा बयान जो कांग्रेश की छवि को नुकसान पहुंचाता  है. वह ठीक नहीं है.
हरीश रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को भी यह बात कह दी गई है कि वह अपने सलाहकारों को नियंत्रण में रखें। अंत में हरीश रावत ने कहा कि मैंने इन सभी विधायकों की बात सुनी है और उन्होंने मेरी बात भी सुन ली है। अब फैसला उनको लेना है। मुझे आशा है कि वह मेरी बात समझेंगे।

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