VSCHAUHAN KI REPORT
कोरोना संक्रमण में कमी को देखते हुए राज्य सरकार स्कूलों को भी जल्द खोल सकती है। कोविड कर्फ्यू में सिनेमा हॉल, मनोरंजन पार्क, स्वीमिंग पूल, ऑडिटोरियम आदि को 50% क्षमता के साथ खोलने की अनुमति मिलने से इसकी संभावना बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग प्रथम चरण में कक्षा छह से बड़ी कक्षाओं के छात्रों को 50 फीसदी क्षमता के साथ आने की अनुमति दी जा सकती है। बेसिक की कक्षाओं के लिए भी रोस्टर बनाया जा सकता है। हालांकि मंगलवार को आईसीएमआर ने पहले प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह दी है। हो सकता है कि इसके चलते राज्य सरकार को स्कूल खोलने की अपनी नीति में बदलाव करना पड़े। इस संबंध में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भी संकेत दिए।
कहा कि बीते डेढ़ साल से स्कूल करीब-करीब बंद ही हैं। इससे पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। अब ज्यादातर सेक्टर को छूट दी जा चुकी है तो स्कूलों को लेकर भी विचार किया जा रहा है। मालूम हो कि कोरोना के चलते मार्च-अप्रैल 2020 से राज्य के शैक्षिक संस्थान बंद हैं। नवंबर 2020 में 10वीं और 12वीं कक्षा को खोलने की अनुमति दी गई थी पर बाद में कोरोना की दूसरी लहर आने की वजह से स्कूलों को दोबारा बंद कर दिया गया। हाल में कोरोना संक्रमण में काफी गिरावट आई है। इसे देखते हुए सरकार ने सभी क्षेत्रों को करीब करीब छूट दे दी है। स्कूलों में शिक्षक भी नियमित आ रहे हैं। शिक्षक संगठन भी सरकार से स्कूलों में छात्रों को बुलाए जाने की लगातार पैरवी कर रहे हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिग्विजय के मुताबिकसरकार ने सभी क्षेत्रों में रियायतें दे दी हैं तो स्कूल भी खोल दिए जाने चाहिए। स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पढ़ाई जारी रखी जा सकती है। पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए छात्रों का नियमित रूप से स्कूल आना बेहद जरूरी है। यदि भविष्य में कोई अप्रिय स्थिति पैदा होती है तो स्कूलों को पुन: बंद किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि यह बात सही है कि स्कूल काफी समय से बंद हैं और पढ़ाई को भी नुकसान हो रहा है। इसके साथ-साथ सरकार के लिए शिक्षक और छात्रों की सुरक्षा भी बहुत अहमियत रखती है। सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। सीएम से भी इस बारे में चर्चा की जाएगी। जल्द ही इस विषय पर निर्णय ले लिया जाएगा।