राजेंद्र सिंह की रिपोर्ट
उत्तराखंड के रुद्रपुर में गुरकीर्तन सिंह और गुरपेज सिंह की हत्या से पूरा गांव सहमा हुआ है। दोहरे हत्याकांड की दास्तां जिसने भी सुनीं, वह भौचक्का रह गया। ग्रामीण दौड़े-दौड़े घटनास्थल पर पहुंच गए। आसपास के लोगों के अनुसार हत्यारोपियों ने पिता की आंखों के सामने जिगर के टुकड़ों की गोली मारकर हत्या कर दी। निहत्थे पिता चाहकर भी कुछ नहीं कर सके।
मृतक गुरकीर्तन सिंह और गुरपेज सिंह अपने व्यवहार से पूरे गांव में प्रिय थे। हर कोई उनकी बातों को और खेती के कामकाज का कायल था। मंगलवार को जिस समय मृतक गुरकीर्तन सिंह ट्रैक्टर चला रहे थे और उनका छोटा भाई मेड़ बना रहा था। उस समय पिता अजीत सिंह दूर एक पेड़ के नीचे छांव में बैठे थे।
उन्होंने अपने दोनों बेटों से घर चलकर खाना खाने के लिए कहा था। तीनों कुछ देर बाद घर के लिए निकलते इससे पहले राकेश मिश्रा उर्फ पप्पू अपने भतीजों के साथ मौके पर पहुंचा और ताबड़तोड़ तीन चार राउंड फायरिंग कर गुरपेज को मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद गुरकीर्तन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के पिता पेड़ के नीचे से उठकर जब तक घटनास्थल पर पहुंचे हत्यारोपी फरार हो चुके थे। उन्होंने बेटों को बचाने के लिए ग्रामीणों से गदद की गुहार भी लगाई। एक बेटे की अस्पताल और दूसरे बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। दो बेटों की मौत से पिता के आंसू थम नहीं रहे थे। वह कभी खुद को कोसते तो कभी हत्यारोपियों को अंजाम भुगतने की धमकी देते दिखे।
गांव में बवाल की आशंका को देखकर पुलिस मुस्तैद नजर आई। एसएसपी के निर्देश पर हत्यारोपी के घर के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। इसके अलावा हत्यारोपी के घर को जाने वाले रास्ते में भी भारी पुलिस फोर्स हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए थी।
हत्यारोपी के फरार होने के बाद पुलिस टीम ने हत्यारोपियों की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दी। देर शाम तक पुलिस ने हत्यारोपी के साले समेत 10 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। एसएसपी डीएस कुंवर ने बताया कि टीमें हत्यारोपियों की तलाश कर रही हैं। बहुत जल्द मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
घटनास्थल के पास एक जामुन के पेड़ पर कई सारे बच्चे चढ़कर जामुन खा रहे थे। उन्होंने गोलियों की आवाज सुनीं तो डरकर घरों की तरफ भाग गए। बच्चों ने शोर शराबा कर अपने परिजनों को बताया कि अंकल को गोली मार दी है। वह सड़क पर पड़े हुए हैं। बच्चों की आवाज सुनते ही लोग घटनास्थल पर पहुंचने लगे।
हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गई थी। मौके में देरी से पहुंचने की दो वजह रहीं। पहला तो गौतम अस्पताल के ठीक सामने से प्रीतनगर गांव को जाने के लिए हाईवे पर कोई कट नहीं था। पुलिस को लंबा रास्ता नापकर कर मौके पर पहुंचना पड़ा। दूसरा जिस गांव में हत्या हुई वहां जाने के लिए पुलिस अलग-अलग रास्ते होने से भटक गई।
अजीत सिंह के परिवार और राकेश मिश्रा उर्फ पप्पू के परिवार के बीच जमीन को लेकर इससे पहले कभी विवाद नहीं हुआ था। अजीत सिंह और राकेश की बहन की जमीन एक दूसरे के खेत से लगी हुई हैं। इससे पहले मेड़ के किनारे राजेश ने दर्जनों पॉपुलर समेत कई पेड़ लगाए थे। इस पेड़ों को कुछ समय पहले पटवाकर वह बेच चुका है।
वहीं, दो भाईयों की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने घटनास्थल से शव नहीं उठाने की धमकी दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस को परिजनों और ग्रामीणों ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव नहीं उठाने की धमकी दे डाली। यह सुनकर पुलिस अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। एसएसपी डीएस कुंवर ने मौके पर पहुंचकर हत्यारोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया इसके बाद परिजनों ने शव उठाने दिए।