वीएस चौहान की रिपोर्ट
देहरादून। उत्तराखंड में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के उपचार को 500 इंजेक्शन (एंफोरटेरेसिन-बी) पहुंच गए हैं। सरकार ने इनकी खरीद अहमदाबाद की एक निजी कंपनी से की है। इनमें से 300 इंजेक्शन गढ़वाल मंडल और 200 इंजेक्शन कुमाऊं मंडल को भेजे गए हैं।
प्रदेश में इस समय कोरोना के मरीजों को ब्लैक फंगस की बीमारी तेजी से जकड़ रही है। प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है। इसके इलाज में एंटी फंगल इंजेक्शन (एंफोरटेरेसिन-बी) काफी कारगर साबित हो रहा है। उत्तराखंड को पहले चरण में केंद्र सरकार से 50-50 इंजेक्शन की दो खेप मिली थीं। ये इंजेक्शन समाप्त हो गए थे। प्रदेश में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 500 इंजेक्शन मंगाए जा चुके हैं। कुछ और कंपनियों को भी इसके लिए आर्डर किया गया है। जल्द ही रुद्रपुर की फार्मा कंपनी से भी इंजेक्शन मिलने की उम्मीद है।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि इंजेक्शन की आपूर्ति की जा रही है। जो इंजेक्शन आए हैं, उन्हें गढ़वाल व कुमाऊं मंडल, दोनों ही जगह भेजा गया है। दोनों जगह तैनात नोडल अधिकारी जरूरत की मांग के हिसाब से इनका वितरण करना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार व अन्य निजी कंपनियों को भी इसकी आपूर्ति के लिए आर्डर भेजे गए हैं।
ब्लैक फंगस के इलाज को नहीं मिल रही थी दवाएं
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया था कि प्रदेश में ब्लैक फंगस व व्हाइट फंगस के उपचार के लिए दवा व इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि सीएमओ दफ्तर में नोडल अधिकारी बताते हैं कि चार दिन पहले 20 इंजेक्शन आए थे, जो खत्म हो गए। उन्होंने मांग की कि सरकार ब्लैक फंगस को केवल कागजों व घोषणाओं में महामारी न मानकर उसका उपचार महामारी के तौर पर करने के पुख्ता इंतजाम करे। राज्य में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पर्याप्त दवाएं व इंजेक्शन की व्यवस्था की जाए।