संवाददाता
इसराइली सेना और फ़लस्तीनी चरमपंथियों के बीच लगातार पाँचवें दिन संघर्ष जारी है. इसराइल ने गज़ा में अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है, वहीं फ़लस्तीनी इसराइल में रॉकेट दाग रहे हैं.
युद्ध चाहे दो देशों के बीच हो या 2 राजाओं के बीच युद्ध लड़ा जा रहा हो.उसका खामियाजा या नुकसान देश में रहने वाली जनता को उठाना पड़ता है.इसलिए युद्ध किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता ,भले ही जीत के लिए युद्ध लड़ा जाए भुगतान जनता को ही करना होता है.
.इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि ये हाल के सालों में हमास के ख़िलाफ़ उनका अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और ये जल्द ख़त्म नहीं होगा.
शुक्रवार शाम को तेल अवीव में सुरक्षा मामलों के लेकर हुई एक बैठक के बाद उन्होंने कहा, “उन्होंने हमारी राजधानी पर हमला किया है और हमारे शहरों पर रॉकेट दाग़े हैं. उन्हें उसकी क़ीमत चुकानी होगी और वो इसकी भारी क़ीमत चुका रहे हैं.”
इससे पहले नेतन्याहू ने कहा था कि इसराइली सेना गज़ा में जब तक ज़रूरी हुआ सैन्य कार्रवाई करती रहेगी. शुक्रवार सुबह उन्होंने एक बयान में कहा कि “हमास को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी”.
वहीं हमास के सैन्य प्रवक्ता ने कहा है कि इसराइली सेना ने अगर ज़मीनी सैन्य कार्रवाई करने का फ़ैसला किया तो वो उसे “कड़ा सबक” सिखाने के लिए तैयार हैं.