वीएस चौहान की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने अब पूरे राज्य में मंगलवार से एक हफ्ते के लिए कोविड कर्फ्यू लागू करने का ऐलान किया है। राज्य में शहर से लेकर गांवों की दुकानों पर यह कड़ाई से लागू होगा। इस दौरान आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति रहेंगे, जबकि अन्य दफ्तर पूरी तरह से बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ रावत की मंजूरी के बाद कैबिनेट मंत्री व सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में कोविड कर्फ्यू 11 मई सुबह छह बजे से 18 मई सुबह छह बजे तक लागू रहेगा।
कर्फ्यू के दौरान दूध, फल, सब्जियों व मीट की दुकानें सुबह सात से दस बजे तक ही खोलने की इजाजत दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसी भी तरह के धार्मिक व राजनीतिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अलबत्ता शादियों में 20 से ज्यादा संख्या नहीं होगी। इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। संक्रमण बढ़ने पर वैसे लोगों से सरकार की अपील है कि वे शादियों की तिथियां फिलहाल स्थगित कर दें। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बाहर से आने वालों को 72 घंटें की पूर्व की आरटीपीसीएर रिपोर्ट नेगेटिव दिखानी होगी, वहीं प्रवासियों को स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा।
सोमवार दोपहर एक बजे तक खुली रहेंगी दुकानें
सोमवार को राज्यभर में राशन व अन्य जरूरी दुकानें दोपहर एक बजे तक खुली रहेंगी। अभी इनका समय दोपहर 12 बजे तक का था। आम लोग जरूरी राशन खरीद सकें, इस वजह से एक घंटे की अवधि को बढ़ाया गया है।
राशन व सस्ते गल्ले की दुकानें 13 से बंद
लोग इस दौरान जरूरी राशन ले सकें, लिहाजा इन्हें 13 मई से बंद करने का निर्णय लिया है। सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इसके बाद राशन व सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें भी कोविड कर्फ्यू के दौरान पूरी तर से बंद रहेंगी।
ट्रेन से आने वालों को टिकट दिखाना होगा
ट्रेन या हवाई जहाज से आने वालों को अनिवार्य रूप से टिकट दिखाना होगा। इसके बाद ही उन्हें गंतव्य तक जाने की इजाजत दी जाएगी। राज्य के भीतर वाहनों में क्षमता के 50 फीसदी सवारी ही बैठ सकेंगे।
दवा व पशु चारें की दुकानें खुली रहेंगी
कर्फ्यू के दौरान दवा और स्वास्थ्य उपकरणों से जुड़े दुकानों के साथ ही पशु चारे और कृषि व बागवानी से संबंधित दुकानें खुली ऱहेंगी। इसके साथ ही पेट्रोल पंपों को भी छूट दी गई है।
उद्योगों के लिए भी सख्त मानक
सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को लिए इस बार सख्त मानक बनाए हैं। उद्योग तब ही खुल सकेंगे जब वे कर्मचारियों को उसी परिसर में ठहराने या फिर अपने ट्रांसपोर्ट के मार्फत उन्हें घरों से ले जाने व छोड़ने की व्यवस्था करेंगे।
प्रवासी एक हफ्ते क्वारंटाइन सेंटर में रहेंगे
विभिन्न प्रांतों से आने वाले प्रवासियों को एक हफ्ते तक क्वारंटाइन सेंटरों में अनिवार्य रूप से रहना होगा। ग्राम पंचायतें इसके लिए व्यवस्था करेंगी। एक हफ्ते बाद यदि किसी व्यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं आते तो तब ही उन्हें घर जाने की इजाजत दी जाएगी।