हरिद्वार कुंभ में  नागा साधुओं के  अजब गजब रूप देखने को मिल रहे हैं नागा बाबा विक्रम गिरी ने 27 साल से दाड़ी नहीं बनाई है। दाड़ी की लंबाई पौने छह फुट तक पहुंच गई है।

ब्यूरो

हरिद्वार कुंभ में  नागा साधुओं के  अजब गजब रूप देखने को मिल रहे हैं हरिद्वार कुंभ में आने वाले नागा साधु अपने अजब-गजब श्रृंगार और पहनावे के चलते लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं नागा बाबा विक्रम गिरी।जूना अखाड़ा के महंत नागा बाबा विक्रम गिरि की दाढ़ी श्रद्धालुओं के लिए कौतुक बनी हुई है। नागा बाबा विक्रम गिरी ने 27 साल से दाड़ी नहीं बनाई है। दाड़ी की लंबाई पौने छह फुट तक पहुंच गई है।

मुरादाबाद के कुंदरकी ब्लाक के रहने वाले नाबा बाबा विक्रम गिरि महाकुंभ में जूना अखाड़ा की छावनी स्थित कल्पवास में हैं। 1994 में संन्यास और 2004 में जूना अखाड़ा से नागा दीक्षा लेने वाले बाबा विक्रम गिरि की छावनी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

नागा बाबा के मुताबिक 1994 से अपनी दाड़ी नहीं काटी। दाड़ी को सिर की जटाओं की तरह सहेज कर रखते हैं। आने जाने और रात्रि विश्राम में दाड़ी को समेट लेते हैं। बाबा विक्रम गिरी बताते हैं दाड़ी ही उनकी पहचान बन गई है।

कई श्रद्धालु उनको दाड़ी वाले बाबा के नाम से पुकारते हैं। नागा बाबा काला चश्मा लगाए अपनी छावनी में साधना करते हैं। उनका कहना है कि दाड़ी लंबी करना ही उनका हठ योग है। बाबा से मिलने पहुंच रहे लोग उनकी दाढ़ी छूकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं।

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