पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में बनाए गए दायित्वधारियों को हटा दिया गया है।

वीएस चौहान की रिपोर्ट

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में बनाए गए दायित्वधारियों को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद से ही दायित्वधारियों को पदों से हटाने की संभावनाएं जताई जा रही थी।

गोपन (मंत्रिपरिषद) की ओर से मुख्य सचिव ओम प्रकाश के आदेश मुताबिक, 18 मार्च 2017 से लेकर अब तक विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों में नामित या नियुक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार व अन्य पदों पर गैरसरकारी महानुभावों जिन्हें मंत्री स्तर, राज्यमंत्री स्तर व अन्य स्तर का दर्जा प्राप्त है को पद मुक्त कर दिया गया है। जिन संवैधानिक पदों पर निर्धारित अवधि के लिए महानुभाव नियुक्त हुए हैं, उन्हें पद मुक्त नहीं किया गया है।

पिछले चार साल के दौरान त्रिवेंद्र सरकार में 100 से अधिक दायित्वधारी बना दिए गए थे। शुरुआत दो साल में दायित्वधारियों की संख्या सीमित थी। लेकिन बाद के दो सालों में बड़ी संख्या में दायित्व बांटे गए। इसके बावजूद पार्टी में दायित्वों को लेकर असंतोष रहा।

अब शुरू होगा दायित्व बचाने और हासिल करने का खेल

त्रिवेंद्र सरकार के सभी दायित्वधारियों की कुर्सी खिसक जाने के बाद अब अपनी कुर्सियों को बचाने और दायित्व हासिल करने का खेल शुरू हो जाएगा। दायित्वधारियों को पदमुक्त करने के बाद खाली हो गई कुर्सियों पर नई ताजपोशी करने के लिए कसरत भी शुरू हो गई है।

संगठन से बाद कर बनाए जाएंगे दायित्वधारी

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के छह अप्रैल को क्वारंटीन अवधि से बाहर आने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान वह प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार से चर्चा कर नए दायित्वधारियों की ताजपोशी का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

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