सीएम आवास में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस अहम योजना समेत कुल सात मुद्दों को मंजूरी दी गई।
महिलाओं के सिर से पहाड़ में घास का बोझ हटाने को सीएम घस्यारी कल्याण योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस योजना का उद्देश्य पहाड़ों में घास का बोझ कम करने के साथ ही महिलाओं की आर्थिकी को बढ़ावा देना है। सीएम घस्यारी कल्याण योजना से पहाड़ों पर पशुपालकों को रियायती दरों पर पशुचारा उपलब्ध होगा। महिलाओं की श्रम शक्ति बचेगी।
इसका इस्तेमाल अपनी आय बढ़ाने की गतिविधियों में लगा सकेंगी। जो चारा उपलब्ध होगा, उससे पशुओं का दूध बढ़ेगा और उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा। योजना में पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर पैक्ड सायलेज चारा, मिश्रित पशु आहार और हेब्लाक्स उपलब्ध कराया जाएगा। पशुपालकों को चारे की उपलब्धता सहकारी समितियां, पशुपालन विभाग के केंद्रों, डेरी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से उपलब्ध करवाये जाने की व्यवस्था की गई है।
दो हजार से अधिक किसान परिवारों को उनकी 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर मक्का की सामूहिक सहकारी खेती से जोड़ा जाएगा। एक साल में दस हजार मिट्रिक टन उत्पादन और आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसमें उत्पादन इकाई की कुल परियोजना लागत पर होने वाला पूंजीगत व्यय 19.06 करोड़ है। मक्का की फसल की महिलाएं सामूहिक सहकारी खेती कर सकेंगी। इससे किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर प्राप्त होंगे। बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कृषि ऋण, कृषि उपकरण, बीज, उवर्रक उपलब्ध कराया जाएगा। उनकी उपज का आवश्यक रूप से खरीद भी होगी। 90 से 120 दिन में मक्के की फसल करने के साथ ही किसान तिलहन, मटर, सब्जियों समेत अगेती बुआई कर अतिरिक्त लाभ कमा सकेंगे। चारा 670 सहकारी समितियों, 1000 राशन की दुकानों, चारा बैंक, सरकारी विपणन केंद्रों के जरिए बांटा जा सकेगा।
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