उत्तराखंड में मदिरा की दुकानों पर सेल्समैन एमआरपी से अधिक मूल्य नहीं ले सकेंगे

उत्तराखंड में मदिरा पीने वालों के लिए खुशखबरी  अब  मदिरा की दुकानों पर ओवर रेटिंग नहीं चलेगी  अक्सर देखा जाता है  वाइन शॉप पर सेल्समैन द्वारा एमआरपी से 10 से ₹20 एक्स्ट्रा वसूला जाता है उत्तराखंड में अंग्रेजी, देसी शराब और बीयर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक पर बेचने पर पहली बार में ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। चौथी बार उल्लंघन होने पर मदिरा की दुकान का लाइसेंस रद्द हो जाएगा और लाइसेंसधारी काली सूची में दर्ज कर दिया जाएगा। फिर मदिरा की दुकान का आवंटन दोबारा तय प्रक्रिया के अनुसार होगा।

नई आबकारी नीति में यह प्रावधान किया गया है। शासन ने नई आबकारी नीति की अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई थी। अधिसूचना के मुताबिक, पहली बार सरकार ई टेंडरिंग के माध्यम से अंग्रेजी व देसी मदिरा की दुकानों का आवंटन दो साल के लिए करेगी।

नीति के तहत सरकार ने दोनों वर्षों का अलग अलग राजस्व लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने शराब से 3200 करोड़ रुपये का राजस्व कमाने का लक्ष्य रखा है, जबकि 2022-23 में वह 3600 करोड़ रुपये कमाएगी।
कैबिनेट ने फैसला किया है कि देसी और अंग्रेजी मदिरा की दुकानों का राजस्व अब नए सिरे से तय किया जाएगा। सरकार दुकानों के अधिभार का दोबारा से मूल्यांकन करेगी।

-पहली बार उल्लंघन पर 50 हजार रुपये जुर्माना
– दूसरी बार उल्लंघन पर 75 हजार रुपये जुर्माना
– तीसरी बार उल्लंघन पर एक लाख रुपये जुर्माना
– चौथी बार में दुकान का लाइसेंस निरस्त होगा, लाइसेंस धारक काली सूची में डाला जाएगा

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