उत्तराखंड में मौसम विभाग का तीन जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी.

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उत्तराखंड में 14 अगस्त तक तीन जिलों के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को टिहरी, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल में अत्यधिक भारी बारिश होने और बिजली गिरने की आशंका है। जबकि चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में येलो अलर्ट रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार टिहरी, देहरादून और पौड़ी में 14 अगस्त तक भारी बारिश का रेड अलर्ट है। इन जिलों में शुक्रवार को कुछ स्थानों पर भारी से अत्यंत भारी बारिश हो सकती है। गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की आशंका भी है। बता दें कि प्रदेश में भारी बारिश के चलते गुरुवार को भूस्खलन होने से गौरीकुंड हाईवे का 60 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। इस मलबे में एक वाहन के दबे होने की आशंका है।

मलबा आने से केदारनाथ मार्ग फिलहाल बंद हो गया है। जिसकी वजह से दोनों और वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। पुलिस ने यात्रियों को रोक कर सुरक्षित जगहों पर रुकने की सलाह दी है। रुद्रप्रयाग में गुप्तकाशी-तरसाली में पहाड़ी से भारी बोल्डर और मलबा आने के कारण 60 मीटर का हिस्सा ध्वस्त हुआ है। मलबे के कारण बंद हाईवे को शुक्रवार को भी खोलना मुश्किल है। देर शाम हुए भूस्खलन के कारण फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड का गुप्तकाशी से संपर्क कट गया है। इससे केदारनाथ यात्रा फिर से प्रभावित हो गई है। एनएच अधिकारियों के अनुसार हाईवे को खोलने में लंबा समय लग सकता है। पुलिस प्रशासन यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रात्रि प्रवास के लिए अपील कर रहा है।

उधर हरिद्वार में भीमगोडा टनल के पास भूस्खलन होने से रेलवे ट्रैक बाधित हो गया। हरिद्वार में हुई मूसलाधार बारिश के चलते मनसा देवी के पहाड़ से काली मंदिर के पास भूस्खलन हो गया और मलबा मंदिर के पास तथा रेलवे ट्रैक पर गिरा। भूस्खलन की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने आसपास के क्षेत्र से लोगों को हटवाया। लगभग सवा चार घंटे तक रेलवे ट्रैक बाधित रहने के कारण ट्रेनों का संचालन भी ठप रहा।इस वजह से देहरादूऩ, ऋषिकेश से आने जाने वाली ट्रेन प्रभावित रही।

उधर, ऋषिकेश में मूसलाधार बारिश से गंगा और सहायक नदियां उफान पर हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से लक्ष्मण झूला, स्वर्ग आश्रम, मुनि की रेती और तपोवन क्षेत्र में गंगा घाट और तट जलमग्न हो गए। त्रिवेणी घाट में आरती स्थल भी जलमग्न हो गया।

कई दिनों से क्षेत्र में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इसके चलते गंगा नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है। दो दिन पहले गंगा नदी का जलस्तर 294 यानी खतरे के निशान पर पहुंच गया था। बृहस्पतिवार सुबह भी गंगा का जलस्तर 293.40 मीटर पर था। शाम के समय गंगा का जलस्तर 292.80 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान से नीचे था। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही बाढ़ का पानी खेतों से नहीं उतरा है। फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।

पानी फसलों में पहुंचा तो किसानों की बची हुई फसल भी बर्बाद हो जाएगी। उधर, एसडीएम गोपालराम बिनवाल ने बताया कि गंगा से सटे गांवों में अलर्ट जारी किया हुआ है। लोगों से गंगा किनारे न जाने की अपील की जा रही है। साथ ही बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

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