VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA
ग्रीष्मकालीन छुट्टियां खत्म होने के बाद शनिवार को सरकारी स्कूल खुल गए। पहले दिन स्कूलों में शिक्षकों से लेकर बच्चों की हाजिरी काफी कम रही। कई स्कूलों में एक भी छात्र नहीं आया तो जिले में औसत उपस्थिति मात्र 25 फीसदी रही। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। जिले के नौ स्कूलों में प्रधानाचार्यों समेत कई शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोक दिया। जबकि कई स्कूलों में अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
करीब 35 दिनों की गर्मियों की छुट्टियों के बाद एक जुलाई को स्कूल खुले। मुख्य शिक्षा अधिकारी समेत सभी छह ब्लॉकों के खंड शिक्षा अधिकारियों ने स्कूलों का जायजा लिया। मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने साधू राम इंटर कॉलेज का निरीक्षण किया तो प्रधानाचार्य को अनुपस्थित पाया। हालांकि, प्रधानाचार्य की ओर से अवकाश का प्रार्थना पत्र दिया गया था। लेकिन पत्र में तिथि अंकित नहीं थी। जबकि स्कूल के सभी छात्र भी नदारद मिले। सीईओ की ओर से स्कूल के सभी कार्मिकों का वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया।
श्री गुरुनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज, रेसकोर्स, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाखामंडल, चकराता, राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोठी, चकराता, राजकीय प्राथमिक विद्यालय छुल्टाड, चकराता, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, मानथात देहरादून, अटल उत्कृष्ट विद्यालय लाखामंडल चकराता, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मानथात, देहरादून, राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोठाण, चकराता और राजकीय प्राथमिक विद्यालय मुस्लिम बस्ती, विकासनगर में प्रधानाचार्य और शिक्षक अनुपस्थित मिले। जिनका अगले आदेश तक के लिए वेतन रोक दिया गया है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से रायपुर, चकराता, कालसी, डोईवाला, विकासनगर और सहसपुर के छह ब्लॉकों के स्कूलों में निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री गुरुनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज, रेसकोर्स की प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कॉलेज, नालापानी में एक प्रवक्ता और एक सहायक अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाडपुर में एक अध्यापक और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेडापुर, सहसपुर में दो अध्यापक अनुपस्थित मिले। इन सभी शिक्षकों से मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 के तीन महीने बाद सभी कक्षाओं के छात्रों के हाथों सभी विषय की किताबें मिल पाई हैं। शनिवार को गर्मियों की छुट्टी के बाद खुले स्कूलों में छात्रों को बची हुई किताबें वितरित की गई। मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा, किताबों के बिना छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए पुरानी किताबों और यूट्यूब के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया गया। स्कूल खुलने के साथ सभी बच्चों को सभी विषय की किताबें उपलब्ध करा दी गई हैं। समय पर पाठ्यक्रम पूरा किया जाएगा। इसके साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा।
मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा, स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नौ स्कूलों में नदारद मिले प्रधानाचार्य और शिक्षकों का अगले आदेश तक वेतन रोका गया है। बिना बताए छुट्टी पर गए शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी