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पौड़ी पहुंचे उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Former cabinet minister Harak Singh Rawat) और उनकी पुत्र वधु अनुकीर्ति गुसाईं ने अंकिता हत्याकांड (Ankita Murder Case) पर यमकेश्वर की विधायक रेनू बिष्ट और हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य को जांच प्रभावित करने का दोषी बताया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ये भी कहा कि पूर्व में उनके मंत्री रहते पुलकित के पिता विनोद आर्य ने उनपर भी दबाब बनाया कि उन्हें आर्युवेद परिषद का अध्यक्ष बनायें ताकि वे अपने बेटे का दाखिला आयुर्वेद कॉलेज में करवा सकें.
सरकार के दबाव में बयान से पलटे डीएम-
हरक सिंह ने आगे कहा कि, उनके साफ मना करने के बाद विनोद आर्य ने वाईस चांसलर के साथ सांठ-गांठ कर और अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर बीजेपी में रहते अपने बेटे का दाखिला फर्जी तौर तरीके से करवा लिया था. हरक सिंह ने कहा कि जब पुलकित आर्य का रिजॉर्ट तुड़वाने पर यमकेश्वर विधायक खुद ये स्वीकार करती हैं कि उनके निर्देशों पर ही रिजॉर्ट तोड़ा गया और डीएम पौड़ी ये बयान देते हैं कि उन्होंने रिजॉर्ट तोड़ने का कोई आदेश नहीं दिए. वहीं सरकार के दबाब में डीएम अपने बयानों से पलट जाते हैं.
सीबीआई से कराई जाए मामले की जांच-
हरक सिंह ने कहा, इसपर उन्हें सन्देह है कि एसआईटी की जांच निष्पक्ष होगी इसलिए वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. पुलकित के पिता जांच प्रभावित न करें इसके लिए उन्हें भी रिमांड में लेना चाहिए. वहीं अनुकीर्ति और हरक सिंह रावत ने कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच सीबीआई से होनी चाहिए ताकि उन वीआईपी का नाम भी उजागर हो जिन्हें सेप्शल सर्विस देने के लिए दबाब बनाया जा रहा था.