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उत्तराखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगने के कारण प्रभावित उद्योगों को वैकल्पिक उत्पादों का निर्माण करने के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग ने प्लास्टिक की जगह वैकल्पिक उत्पादों के विनिर्माण व री-साइकिलिंग के लिए नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया। इसके अलावा सेवा क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार नीति बना रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने से प्रदेश में चार सौ से अधिक उद्योग प्रभावित हुए हैं।
बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में सचिव उद्योग पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक संगठनों की ओर से दिए गए सुझावों को सरकार ने 75 प्रतिशत पूरा कर लिया है। राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के लिए नीति ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इससे राज्य में सिंगज यूज प्लास्टिक मेन्युफैक्चरिंग उद्योग को वैकल्पिक उद्योगों में कार्य करने के लिए सरकार से मदद मिलेगी। सर्विस सेक्टर के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नीति तैयार की जा रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर निवेश के लिए लैंड बैंक के लिए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जा रही है। जिससे उद्योगों को आसानी से भूमि उपलब्ध हो सकेगी। सिडकुल के माध्यम से सभी विभागों की खाली भूमि चिन्हित कर निवेशकों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए निजी भूमि पर चिन्हित की जा रही है। जो लोग अपनी जमीन बेचना चाहते हैं।
राज्य में उद्योगों का रुझान बढ़ाने के लिए सड़क, हवाई एवं रेल मार्गों का राज्य में तेजी से विस्तार किया जा रहा है। उद्योगों में सिंगल विंडो समेत तमाम प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण के लिए सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को विभिन्न विभागों की अनुमति दी जा रही है। उद्योगों की स्थापना के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को कम किया जा रहा है। जिससे निवेश की राह आसान हो सके। इस मौके पर अपर सचिव एवं उद्योग महानिदेशक रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, सिडकुल मेन्युफैक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग समेत मौजूद थे।
सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह इनमें विकल्प
सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध होने से प्रभावित उद्योग जैव प्लास्टिक, बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, कंपोस्टेबल प्लास्टिक, ऑक्सो डिग्रेडेबल, कृषि अवशेषों से गत्ते, कागज से बनी कटलरी, रामबांस से बनी वस्तुएं, प्राकृतिक रेशों से विभिन्न उत्पाद तैयार कर सकते है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।