शरीर में नीले धब्बे होना: जब आपको कहीं चोट नहीं लगी इसे नजरअंदाज ना करें। ये साइनोसिस के लक्षण हो सकते हैं। पढ़ें पूरी जानकारी.

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क्या आप जानते हैं शरीर पर दिखाई देने वाले ये नीले निशान आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ गंभीर समस्याओं के बारे में।  नील के निशान आमतौर पर चोट लगते से होती है। लेकिन तब क्या जब आपको कहीं चोट नहीं लगी है और बिलकुल ठीक हैं। कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल, शरीर पर नील के निशान का कारण  साइनोसिस हो सकता है। दरअसल, साइनोसिस  एक ऐसी बीमारी है जिसमें कि शरीर के अलग-अलग अंगों में ऑक्सीजन की कमी के कारण नील के निशान पड़ने लगते हैं। साइनोसिस दो प्रकारों का होता है। जैसे पहला पेरिफेरल और दूसरा सेंट्रल। पेरिफेरल तब होता है जब हाथ, उंगलियां और पैरों की उंगलियां नीले पड़ जाते हैं। तो, सेंट्रल साइनोसिस में शरीर के अलग-अलग प्रभावित होते हैं। इसमें होता ये है कि खून में ऑक्सीजन की कमी के कारण सेल्स नीले पड़ जाते हैं। इसके पीछे लंग्स और दिल से जुड़े डिफेक्ट्स हो सकते हैं

ऑक्सीजन हमारे ब्लड को लाल बनाती है और फेफड़ों के माध्यम से पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करना और इसे अपने पूरे शरीर में प्रभावी ढंग से प्रसारित करना त्वचा को एक सामान्य गुलाबी या लाल रंग देता है। लेकिन जब आपके खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है तो ये साइनोसिस का कारण बनने लगता है। दरअसल, खून जिसमें अधिक ऑक्सीजन नहीं है, वो कार्बन डाइऑक्साइड ले जा रहा है और इससे सेल्रृस मरने लगती हैं और शरीर के जिन अंगों में ये हो रहा होता है वहां आपको नील के निशान नजर आने लगते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

साइनोसिस का कारण बन सकता है। ध्यान रहे कि सायनोसिस एक गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकता है। अगर आप या किसी प्रियजन में सायनोसिस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आपको बिना इसे नजरअंदाज किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए, ताकि समय पर इसके सही कारणों को जान कर किसी गंभीर समस्या से बच सकते .

क्यों पड़ते हैं ये निशान-

पोषक तत्वों की कमी के कारण-
खून के थक्कों और जख्मों को भरने में कुछ विटामिन और मिनरल की अहम भूमिका होती हैं । भोजन में विटामिन के, सी और मिनरल की कमी से शरीर पर नीले निशान दिखाई देने लगते हैं। विटामिन के खून को जमने में मदद करता है। साथ ही विटामिन सी स्किन और नसों में अंदरुनी चोट से बचाव करता है।

बुढ़ापा-
अक्सर उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति के शरीर की रक्त धमनियां सूरज की रोशनी का सामना आसानी से नहीं कर पाती हैं। जिसकी वजह से भी शरीर में नीले निशान पड़ जाते हैं।

एनीमिया-
किसी भी चोट को ठीक करने के लिए शरीर में आयरन और जिंक की आवश्यकता होती है। शरीर में आयरन की कमी होने से भी शरीर नीला पड़ जाता है।

खून पतला करने वाली दवाइयां-
एस्पिरिन जैसी दवाइयां खा रहे हैं जिनसे आप का खून पतला होता है, तो नीले निशान होने की शिकायत हो सकती है।अगर आप इस लक्षण से परेशान हैं तो अपने डॉक्टर को बोल कर अपनी दवाइयों में बदलाव लाने के लिए बोल सकते हैं।

ज्यादा शराब पीना भी नील पड़ने की एक वजह होता है । जब व्यक्ति में लिवर से जुड़ी बीमारियां होती हैं, तो यह लिवर से प्राटीन के उत्पादन को सीमित कर देती हैं, जो खून के जमने के लिए बहुत जरूरी है। इससे ब्लीडिंग रूकती नहीं है, बल्कि बार-बार और आसानी से चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है।

यह सभी जानकारी सामाजिक ज्ञान पर आधारित है इसके इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें.

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