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पहाड़ी क्षेत्रों के सफर को आराम और सुकूनदेह बनाने के लिए प्रदेश में बड़ी सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। आने वाले कुछ सालों में प्रदेश के चारधाम रेल सेवा से जुड़ जाएंगे।
यमुनोत्री हाईवे पर भी सिलक्यारा से पोलगांव के बीच सुरंग बनाई जा रही है, जो कि उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग होगी। सुरंग के बनने से यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के बीच की दूरी करीब 26 किमी तक कम हो जाएगी। निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक करीब 4.5 किमी लंबी सुरंग की खुदाई 3.2 किमी तक पूरी हो गई है। 12 मीटर चौड़ी डबल लेन सुरंग में दो भारी वाहन एक साथ गुजर सकते हैं। सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचडीसीआईएल) के माध्यम से किया जा रहा है।
अधिकारियों की मानें तो अगले 13-14 महीनों में सुरंग की खुदाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सुरंग को फाइनल टच देने में छह से आठ महीने का और समय लग सकता है।
अधिकारियों की मानें तो अगले 13-14 महीनों में सुरंग की खुदाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सुरंग को फाइनल टच देने में छह से आठ महीने का और समय लग सकता है।
यमुनोत्री हाईवे पर भी सिलक्यारा से पोलगांव के बीच सुरंग बनाई जा रही है, जो कि उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग होगी। सुरंग के बनने से यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के बीच की दूरी करीब 26 किमी तक कम हो जाएगी। निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक करीब 4.5 किमी लंबी सुरंग की खुदाई 3.2 किमी तक पूरी हो गई है। 12 मीटर चौड़ी डबल लेन सुरंग में दो भारी वाहन एक साथ गुजर सकते हैं। सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचडीसीआईएल) के माध्यम से किया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो अगले 13-14 महीनों में सुरंग की खुदाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सुरंग को फाइनल टच देने में छह से आठ महीने का और समय लग सकता है।
सुरंग के बनने से क्या-क्या फायदे होंगे, ये भी बताते हैं। वर्तमान समय में यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए यमुनोत्री हाईवे रॉड़ी टॉप से होकर गुजरता है, जिस पर कई बैंड और उतराई-चढ़ाई होने से यात्रियों को भारी परेशानी होती है। सुरंग बनने से यात्रियों को रॉड़ी टॉप के घुमावदार बैंडों से भी निजात मिलेगी। सफर आसान होगा। एनएचडीसीआईएल के अधिकारी कर्नल संदीप पाटिल के मुताबिक 13 से 14 महीनों में सुरंग को आरपार कर लिया जाएगा।
यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन टनल की खुदाई का काम 3.2 किमी तक पूरा हो गया है, जिसके बाद 1300 मीटर की दूरी बची है। आपको बता दें कि चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत वर्ष 2018 में सीसीईए ने यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग के निर्माण को मंजूरी दी थी। साल 2019 में सुरंग का निर्माण शुरू हुआ। वर्तमान समय में सिलक्यारा की ओर से करीब 1987 मीटर और पोलगांव की ओर से 1270 मीटर सुरंग की खुदाई की जा चुकी है। All Weather Road पर Yamunotri रूट में Silkyara Tunnel बन रही है। ये Uttarakhand की longest Tunnel होगी