वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने भूकंप को लेकर बड़ी चेतावनी.इंडियन प्लेट हर साल यूरेशियन प्लेट के नीचे 40 से 50 मिलीमीटर तक धंस रही है। पढ़ें पूरी खबर.

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कुछ दिन पहले उत्तरकाशी में अचानक धरती हिलने लगी। इस बीच वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने भूकंप को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के नीचे लगातार हलचल हो रही है, ऐसे में हमें भूकंप के झटकों के लिए तैयार रहना होगा। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार कहते हैं कि उत्तराखंड करीब 2400 किमी लंबी इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट पर स्थित है।

इंडियन प्लेट हर साल यूरेशियन प्लेट के नीचे 40 से 50 मिलीमीटर तक धंस रही है।जिस वजह से धरती हिल रही है। डॉ. सुशील ने बताया कि वाडिया भूकंप और आपदाओं से निपटने के लिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर कार्य रहा है। साथ ही इस दृष्टिकोण से उत्तराखंड में 17 ब्रॉडबैंड सिस्मोग्राफ लगाए गए हैं। 5 जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं।

डॉ. सुशील कुमार ने भूकंप से बचने के सुझाव भी दिए हैं। वो कहते हैं कि भविष्य में कितना बड़ा भूकंप आएगा, यह कहना मुश्किल है, पर नुकसान कम से कम हो, इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। सरकार को योजनाबद्ध तरीके से निर्माण कार्य करना पड़ेगा। सड़कों का निर्माण करते वक्त भूकंप को ध्यान में रखा जाना चाहिए। पहाड़ों और मैदान में लोगों को अपने घरों को भूकंप रोधी बनाने पर जोर देना होगा। हमें जापान जैसे देश से सीख लेते हुए भूकंपरोधी मकान, सड़क और बड़ी इमारतों के निर्माण की सीख लेनी चाहिए। क्योंकि अगर साल 1991 की तरह 6 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है, तो हमारी सड़कें ब्लॉक हो सकती हैं।

इससे बचाव कार्य प्रभावित हो सकते हैं। बता दें कि प्रदेश में जनवरी से अब तक करीब 14 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिनकी तीव्रता 2 से लेकर 4.5 रिक्टर स्केल तक रही। Uttarakhand Earthquake के इन झटकों से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ये आने वाले खतरे का संकेत जरूर हैं। हमें सतर्क रहना होगा।

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