VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA
उत्तराखंड (Uttarakhand) में चुनावी दृष्टि से 11 हजार से अधिक बूथ हैं. बीजेपी (BJP) ने इन्हीं बूथों को अपनी रणनीति का केंद्र बनाते हुए पूरा चुनाव लड़ा. बूथों के नीचे पन्ना प्रमुख बनाए गए और पहली बार पन्ना प्रमुखों (Emerald Heads) की भी टोलियां बनाई गई. प्रत्येक बूथ पर दस-दस छोटी-छोटी मीटिंगे आयोजित की गई. यानि कि एक बूथ पर अगर हजार मतदाता हैं, तो इनमें से आधे मतदाताओ को इन मीटिंगों के जरिए कवर कर लिया गया.
चुनाव तक बीजेपी ने प्रदेश भर में ऐसी करीब नब्बे हजार मीटिंगे की. इन मीटिंगों में फ्री अनाज, फ्री वैक्सीनेशन, अटल आयुष्मान जैंसी योजनाओं के लाभार्थियों को शामिल किया गया. यही नहीं बीजेपी ने छह महीने पहिले सभी विधानसभाओ में विस्तारक नियुक्ति कर दिए थे, जो बूथ लेवल पर मैनेजमेंट को देख रहे थे. इसके बाद चुनाव से ठीक तीन महीने पहले विधानसभा प्रभारी और महिला सह प्रभारी नियुक्त किए गए. इसके अलावा हर विधानसभा में दो-दो प्रवासी कार्यकर्ता भेजे गए. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार का कहना है कि महिला सह प्रभारी नियुक्त करने का यह पहला प्रयोग था. इससे महिलाओं के बीच पैठ बनाने में पार्टी को मदद मिली.
बूथ तक लाने के लिए बार-बार अपडेट ले रहा थाइसके अलावा बीजेपी कॉल सेंटर भी संचालित कर रही थी, जिसमें करीब दो सौ लोग नियुक्त थे. पोलिंग के दिन कॉल सेंटर सुबह चार बजे से एक्टिवेट कर दिया गया था. सेंटर में हर विधानसभा की वोटर लिस्ट मौजूद थी. जो पार्टी वर्कर्स से खासकर वृद्व और दिव्यांग वोटर्स को घर से निकालकर बूथ तक लाने के लिए बार-बार अपडेट ले रहा था.