डॉक्टर-स्टाफ से मारपीट पर देहरादून में कार्य बहिष्कार, मरीजों को खासी परेशानी हुई।

Saurabh CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में डॉक्टर, फार्मेसिस्ट और अन्य कर्मचारियों से मारपीट के विरोध में शुक्रवार को स्वास्थ्यकर्मी भड़क गए। जिले के सरकारी अस्पतालों में डाक्टर और अन्य स्टाफ ने कार्य बहिष्कार कर दिया। जिससे विभिन्न रोगों से पीड़ित मरीज बिना इलाज तड़पते रहे और मजबूरन उन्हें अस्पताल के मुख्य द्वार से ही लौटना पड़ा। कई मरीज मायूस होकर निजी अस्पताल गए। जबकि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा। कोरोनेशन अस्पताल के अलावा गांधी शताब्दी, प्रेमनगर, रायपुर अस्पताल में ओपीडी में मरीजों को इलाज नहीं मिला, जबकि भर्ती मरीजों और इमरजेंसी में भी मरीजों को खासी परेशानी हुई।

दरअसल, गुरुवार देर रात राजपुर थाना क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक की संदिग्ध हालात मौत हो गई थी। नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी मरीज को कोरोनेशन अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि कोरोनेशन अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने को कहने पर डॉक्टर, फार्मेसिस्ट समेत अन्य कर्मचारियों से मारपीट की गई थी। रात को पुलिस ने किसी तरह बीच बचाव कर मामला शांत कराया था।

शुक्रवार सुबह जैसे ही डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को घटना का पता लगा तो वह आक्रोशित हो गए। डॉक्टरों, फार्मेसिस्ट और अन्य कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की। कोरोनेशन अस्पताल में मुख्य गेट का ताला लगाकर डाक्टरों ने पुलिस का घेराव कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग उठाई। पुलिस ने डाक्टरों को आश्वस्त किया कि आरोपियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर और अन्य स्टाफ पुलिस व प्रशासन की धीमी कार्रवाई से भी नाराज नजर आए।

दोपहर बाद मुकदमा लिखे जाने के बाद डॉक्टरों व अन्य स्टाफ ने कार्य बहिष्कार वापस ले लिया गया। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) के प्रदेश अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा ने बताया कि पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया गया है। पुलिस द्वारा जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन मिला है। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपी गई है। वहीं, पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ मेडिकल टीम कराया जा रहा है।

उधर, पीएमएचएस से जुड़े डाक्टरों की कोरोनेशन अस्पताल में आपात बैठक हुई। जिसमें अस्पताल में चौकी खुलने की मांग उठाई गई। वहीं आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी न होने पर दोबारा आंदोलन की चेतावनी दी गई। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा, कोषाध्यक्ष डॉ. प्रताप रावत, पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी, डॉ. पीएस चौहान, डॉ. एसएन सिंह, जिलाध्यक्ष डा. कैलाश गुंज्याल, डॉ. प्रवीण पंवार, डॉ. आलोक जैन, डॉ. परमार्थ जोशी आदि मौजूद रहे। वहीं, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसीएशन की जिलाध्यक्ष सुधा कुकरेती ने भी अस्पताल पहुंचकर नाराजगी जताई। वहीं अन्य संवर्गों के लोग भी अस्पताल पहुंचे और कार्य बहिष्कार का समर्थन किया। पुलिस ने डॉक्टरों को बताया कि घटना के आठ आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही उनका मेडिकल कर उचित कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

विधायक से की चौकी बनवाने की मांग
घटना की सूचना पाकर स्थानीय भाजपा विधायक खजानदास भी दोपहर बाद कोरोनेशन अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीएमएचएस के अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा से पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पीड़ित कि परिवार को भी न्याय मिलना चाहिए। डाक्टरों से मारपीट पर उन्हें खेद है। नशा मुक्ति केंद्र की लापरवाही पर पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। डॉक्टरों ने उनके सामने पुलिस चौकी खोलने की मांग उठाई।

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