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जब कोई व्यक्ति अपना परिवार छोड़कर दूसरे परिवार के साथ हो जाता है. और वह दोबारा फिर उस परिवार को छोड़कर वापस अपने परिवार के पास आता है. उसकी क्या आईडीयोलॉजी होगी. जिस राजनीतिक दल के खिलाफ वह बोलता था दोबारा से उन्हीं बातों को उस राजनीतिक दल के पक्ष में बोलेगा. क्या कहकर जनता के बीच में जाएगा. किस प्रकार की उसकी अपनी विचारधारा होगी. वह व्यक्ति किस परिवार का अपना होगा? यह कहना मुश्किल सवाल है. यह जनता इतनी बेवकूफ हो गई है कि वह हर दल बदलू को वोट देगी. इस प्रकार के सवाल जवाब जनता ही जानती है क्योंकि इस तरह के सवाल जनता के बीच में से ही आते हैं.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों से पहले शुक्रवार को वायरल हुई खबर से प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर हड़कंप मचा दिया। इतना ही नहीं, वह कैबिनेट की बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर चले आए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विभाग की स्वीकृत योजनाओं को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। खबर है कि विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी भाजपा छोड़ दी। वहीं उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस्तीफे की खबरों का खंडन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रावत ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी देने के काम को लंबे समय से लटका रही है। रावत लंबे समय से राज्य सरकार के इसकी मांग कर रहे थे।
हरक सिंह रावत ने कहा है कि 5 साल से मांग रहा था मेडिकल कॉलेज अपने क्षेत्र के लिए, लेकिन इन लोगों ने मुझे भिखारी सा बना दिया। वे इतने ज्यादा नाराज नजर आए कि उनकी आंखे नम हो गईं और वे रोने भी लगे।
शुक्रवार को कैबिनेट की मीटिंग में उनका गुस्सा फूट पड़ा और वह बैठक बीच में छोड़कर बाहर आ गए। बताया जा रहा है कि रावत बागी तेवर अपनाते हुए कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं और चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, हरक सिंह इससे पहले कांग्रेस में रहते हुए भी बागी तेवर दिखा चुके हैं। साल 2016 में कांग्रेस छोड़ने के बाद वह बीजेपी में शामिल हुए थे। वह हरीश रावत की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण भी चर्चा में रहे थे।
लेकिन अंत में 25 तारीख को ऐसी खबरें सामने आई उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हरक सिंह रावत को मना लिया है मेडिकल कॉलेज वाली बात उनकी मान ली गई है मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई. कुल मिलाकर उत्तराखंड भाजपा की तरफ से ऑल इज वेल.