कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 21 मामले, जिसकी रफ्तार पिछले डेल्टा वैरिएंट से भी तीन गुना ज्यादा. सुरक्षा के लिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं जानिए.

Mukes Kumar for NEWS EXPRESS INDIA

कोरोना के नये रुप ओमी क्रोन की आहट होने पर लोगों में भय दिखाई देने लगा है। ओमी क्रोन से बचाव के लिए सीएचसी पर वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़ लगी है अब हर कोई वेक्सीन लगवाकर बचाव की मुद्रा में नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने भी पुलिस प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। कोरोना काल में अपनों ने अपनों को खोया है जिसका सबको दुर्द और दुख है। ओमी क्रोन की आहट पर अब सब बचाव कर स्वयं को बचा सकते है।

देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले अब बढ़ते जा रहे हैं. देश में अबतक महाराष्ट्र, दिल्ली और राजस्थान में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) की पुष्टि हो गई है. राजस्थान के एक ही परिवार के 9 सदस्यों में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया है. वहीं महाराष्ट्र में 7 और दिल्ली में 1 मामला मिला है. बता दें कि ओमिक्रॉन काफी तेजी से बढ़ रहा है और 4 दिन में 21 मामले मिल चुके हैं.

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है. नए वैरिएंट की रफ्तार पिछले डेल्टा वैरिएंट से भी तीन गुना ज्यादा बताई जा रही है. ऐसे में क्या वायरस की रफ्तार पर ब्रेक लगाने का लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता है? या क्या तीसरी डोज पर भी सरकार को विचार करना शुरू कर देना चाहिए? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब में एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं.

इंफेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहरिया कहते हैं कि किसी भी वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन निश्चित रूप से सुरक्षा चक्र प्रदान करती है. यानी एक वैक्सीनेटेड इंसान वैक्सीन ना लेने वाले से ज्यादा सुरक्षित है. लेकिन पूरी सुरक्षा के लिए दोनों डोज लेना जरूरी है. जिन्होंने सिर्फ एक डोज लिया है, वे जितना जल्दी हो सके दूसरा डोज लगवा लें. देश में अभी भी करीब 15 फीसद वयस्क हैं जिन्होंने कोई डोज नहीं लिया है. ऐसे में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरुक करने की आवश्यकता है. बूस्टर डोज यानी तीसरी डोज पर डॉ. लहरिया ने कहा कि सबसे पहले देश की अनवैक्सीनेटेड आबादी को शॉट देने की जरूरत है. बाकी बूस्टर शॉट पर वैज्ञानिक और टेक्निकल एक्सपर्ट्स बात कर रहे हैं.

क्या लॉकडाउन लगाना जरूरी है?

नए वैरिएंट को पिछले डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन वैक्सीनेटेड लोगों पर असर कर रहा है. ऐसे में कहीं शादियों का मौसम, पार्टीज और बाजार में बढ़ती भीड़ एक बार फिर लोगों को तबाही के मोड़ पर ना ले जाए. इस बारे में वायरोलॉजिस्ट डॉ. दीपक आचार्य ने कहा, ‘ओमिक्रॉन से निपटने का लॉकडाउन एकमात्र विकल्प नहीं है. इससे ज्यादा जरूरी है कि लोग व्यक्तिगत रूप से खुद सतर्क रहें. बेवजह घर से बाहर ना निकलें. लॉकडाउन से ज्यादा सेल्फ रिस्ट्रिक्शन आपको वायरस से बचाएगा.’

कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. राहुल पंडित ने इस बारे में कहा, ‘कोरोना के नए वैरिएंट के मामले सामने आने से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. इसके नए मामले पकड़ में आना भारत के लिए अच्छी बात है. ऐसा करके हम इसे कम्यूनिटी में फैलने से रोक सकते हैं. इस खतरे से बचने के लिए चेहरे पर अच्छे से मास्क पहनिए. बाहर निकलने से पहले आप डबल मास्क पहन सकते हैं. इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन डोज नहीं लिए हैं, वो जल्द से जल्द इसे लगवा लें.’

डॉ. राहुल ने कहा कि सेहत के साथ-साथ हमारा अर्थचक्र भी बहुत जरूरी है. देश में आप फ्लाइट या कैब से सफर कर सकते हैं, लेकिन इस बीच अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी याद रखें. अगर आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो तुरंत इसकी जांच कराइए. अगर आप पॉजिटिव होते हैं तो खुद को क्वारनटीन करने में बिल्कुल देरी ना करें. अगर सभी लोग ये नैतिक जिम्मेदारी निभाते हैं तो लॉकडाउन या किसी तरह के प्रतिबंध की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी.

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