परिवहन निगम राज्य गठन के बाद से ही लगातार घाटे में चल रहा है। परिवहन निगम ने घाटे से उबरने के लिए 136 करोड़ रुपये की कार्ययोजना शासन को सौंपी है।

VSCHAUHAN KI REPORT

देहरादून, परिवहन निगम ने घाटे से उबरने के लिए 136 करोड़ रुपये की कार्ययोजना शासन को सौंपी है। इसमें 119 करोड़ रुपये वेतन, ग्रेच्युटी व अन्य भत्तों और 17 करोड़ रुपये निगम की कार्यक्षमता को सुधारने के लिए मांगे गए हैं। परिवहन निगम के इस प्रस्ताव को हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही कोर्ट को यह भी बताया जाएगा कि निगम के संबंध में अगली कैबिनेट बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा।

परिवहन निगम राज्य गठन के बाद से ही लगातार घाटे में चल रहा है। कोरोना के कारण बीते वर्ष से निगम लगातार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि निगम फरवरी 2021 से अपने कार्मिकों को वेतन तक नहीं दे पाया है। वेतन के मसले पर परिवहन निगम कर्मियों ने हाईकोर्ट में दस्तक दी, जिस पर कोर्ट ने निगम कर्मियों के वेतन के साथ ही निगम की आय बढ़ाने के संबंध में सरकार से कैबिनेट बैठक बुलाने का अनुरोध किया और पूरी कार्ययोजना 29 जून को हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत करने को कहा था। मुख्यमंत्री व सभी मंत्रियों के राजधानी से बाहर होने के कारण कैबिनेट बैठक नहीं हो पाई।

उधर, रविवार और सोमवार को परिवहन निगम व शासन हाईकोर्ट में जवाब देने के लिए दस्तावेज तैयार करते रहे। देर शाम को इसे अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों की मानें तो इस संबंध में परिवहन निगम ने निगम कर्मियों के वेतन भुगतान, खर्चों में कटौती व आय बढ़ाने के सुझावों को लेकर 40 पन्नों का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें कार्मिकों के वेतन व भत्तों पर आने वाले खर्च, निगम की कार्यशैली में सुधार लाने के लिए आर्थिक सहायता और आय बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी गई है।

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