दिल को छू लेने वाली दुखद अंत की कहानी, यह कहानी फिल्मी कलाकार महेश आनंद की है जिस ने करोड़ों रुपए कमाए, लेकिन अंत समय में उसके पास पीने का पानी खरीदने के पैसे नहीं थे.

VSCHAUHAN KI REPORT

चमक-दमक वाली फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बदकिस्मत कई कलाकार हैं जिन्होंने अपने समय में बहुत रुपया कमाया लेकिन उनके जीवन का अंत बेहद दुखद हुआ.करोड़ों रुपए कमाने वाल किसी फिल्मी कलाकार का अंत इतना दुखद हो सकता है कोई सोच भी नहीं सकता. क्योंकि जीवन से अंत तक की पूरी कहानी को उस सर्वशक्तिमान परवरदिगार ने लिखा होता है किसी ने सही कहा है कि वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है

ऐसा ही कुछ बेहद दिल को छू लेने वाली दुखद अंत की कहानी फिल्मी कलाकार महेश आनंद की जिंदगी का है जिस ने करोड़ों रुपए कमाए. और बड़े-बड़े फिल्मी कलाकारों के साथ काम किया. अंत में उसके पास  पीने का पानी खरीदने के पैसे नहीं थे

“जिंदगी का सफर, है यह कैसा सफर”, “कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं”

सन 2019 फरवरी में शनिवार को फिल्मी कलाकार महेश आनंद के बारे में मौत की खबर सामने आई। उनकी बॉडी मुंबई के यारी रोड स्थित उनके घर से बरामद हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत प्राकृतिक बताई गई ।शनिवार को जिस समय महेश आनंद की बॉडी उनके घर में मिली थी उन्होंने ट्रैक सूट पहन रखा था। बॉडी के पास प्लेट रखी हुई मिली, ज‍िसे देखकर लग रहा था कि उन्होंने खाना खाया था। शराब की एक बोतल भी एक्टर महेश आनंद की बॉडी के पास मिली। इसके अलावा उनका टीवी चल रहा था। उनकी मौत का खुलासा उस समय हुआ जब मेड ने एक्टर महेश आनंद के घर का दरवाजा खटखटाया। हालांकि कोई रिस्पांस नहीं मिला था। बाद में पड़ोसियों ने घर के अंदर से बदबू आने की शिकायत पुलिस से की। जब पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में पहुंची तो महेश को मृत पाया। इतना ही नहीं, महेश की बॉडी डी-कम्‍पोज (खराब) होने लगी थी।

करीब 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय का जलवा दिखाने वाले जाने-माने अभिनेता महेश आनंद अब हमारे बीच नहीं हैं। 90 के दशक में कई फिल्मों में उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई थी। अपनी लंबी और तगड़ी कद काठी की वजह से वो खासे लोकप्रिय थे। हालांकि महेश आनंद की मौत से पहले महेश आनंद पिछले कई साल से वो गुमनामी में जिंदगी गुजार रहे थे।

मैं बहुत तनाव में हूं और गरीबी से गुजर रहा हूं’

महेश आनंद ने एक और फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मेरे पास कोई काम नहीं है। मैं पूरी तरह से तनाव में हूं और गरीबी से गुजर रहा हूं। मैं फेक चेहरा नहीं लगाना चाहता हूं… हां…मैंने 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, कई कमर्शियल्स का डायरेक्शन किया। कोई काम नहीं होने की वजह से अब मैं पूरी तरह शराब में डूब गया हूं।” एक इंटरव्यू में भी महेश आनंद ने बताया था कि 18 साल तक किसी ने मुझे फिल्म में साइन नहीं किया। मेरे 18 साल से कोई काम नहीं था और ना ही मेरे पास पैसा था।

महेश आनंद की मौत के बाद से लगातार उनकी जिंदगी से जुड़े कई राज  हैं। बताया जा रहा कि महेश आनंद की जिस समय मौत हुई, वो अपने घर में अकेले ही थे। महेश आनंद की फेसबुक पोस्ट पर गौर करें तो पता चलता है कि वो काफी लंबे वक्त से अकेलेपन की जिंदगी बिता रहे थे और इस तन्हाई की वजह से बेहद परेशान भी रहते थे।

महेश आनंद की फेसबुक पोस्ट से हुए बड़े खुलासे

महेश आनंद की फेसबुक पोस्ट देखें तो पता चलता है कि वो काफी लंबे समय से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि पानी खरीदने के भी पैसे नहीं बचे थे। इस बात खुलासा महेश आनंद ने खुद अपने फेसबुक पोस्ट में किया। उन्होंने 13 मार्च, 2017 को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मुझे मेरे दोस्त और हर कोई शराबी कहते हैं। मेरा कोई परिवार नहीं है। मेरे सौतेले भाई ने मेरे साथ 6 करोड़ का धोखा किया है। मैंने 300 ज्यादा फिल्मों की हैं, लेकिन मेरे पास पीने का पानी खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। इस दुनिया में मेरा एक भी दोस्त नहीं है, ये बेहद दुखद है।”

अपने बेटे को करते थे प्यार, लिखा था ये फेसबुक पोस्ट
अब समय महेशानंद का बहुत ही दुखद रहा. क्योंकि एक तो बिना काम के पैसे की तंगी में जीवन काट रहा था. दूसरी तरफ उसे अपने परिवार का दुख कचोट रहा था. वह अपने बेटे के लिए तड़पता था.

महेश आनंद ने एक्ट्रेस मधु मल्होत्रा से साल 1992 में शादी की थी। एक्ट्रेस मधु बालोतरा से अलग होने के बाद  उन्होंने साल 2015 में रसियन लेडी लाना से शादी रचाई। लेकिन जीवन के अंतिम समय में वह लिपट अकेला था. महेश आनंद ने 10 अप्रैल, 2017 को अक्षय कुमार की फिल्म ‘जानवर’ का गाना फेसबुक पर शेयर किया था। इसके साथ महेश ने लिखा था- इस गाने को देखकर मैं दिन रात रोता हूं। त्रिशूल… मेरे बेटे… मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, मैं तुम्हारा असली पिता हूं। मैं जानता हूं कि उन्होंने तुम्हारा नाम बदलकर एंथनी बोहरा कर दिया है…

“प्लीज मेरे मरने से पहले मुझे गले लगा लो। लव यू।”

और वह तड़पते तड़पते दुनिया से विदा हो गया. महेश आनंद के इन शब्दों में बेहद दर्द भरा हुआ था

तभी तो कहते हैं” जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम ,वह फिर नहीं आते” “उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उसका नाम, वह फिर नहीं आते”.

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