वीएस चौहान की रिपोर्ट
सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वालों के लिए पंजीकरण व 72 घंटे की कोरोना जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य तो कर दिया, लेकिन आइएसबीटी पर रोडवेज बसों से पहुंच रहे यात्री जांच टीम को गच्चा देकर भाग जाने में कामयाब हो रहे। दरअसल, आइएसबीटी पर स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम जांच में लगाई गई है लेकिन वहां पुलिस ने एक भी जवान तैनात नहीं किया। जांच टीम के लिए सभी यात्रियों की निगरानी कर पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा। ऐसे में यात्री बस से उतरकर चोरी से भाग निकल रहे या फिर जांच के लिए लगाई गई बल्लियों के नीचे से वे निकल जा रहे।
प्रशासन ने रोडवेज बसों के जरिए बाहर से आने वाले यात्रियों का आइएसबीटी पर पंजीकरण व एंटीजन टेस्ट करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीम भी तैनात कर दी है, लेकिन पुलिस ने वहां एक भी सिपाही नियुक्त करना जरूरी नहीं समझा। चालकों को सभी बसें आइएसबीटी के अंदर लाने के बाद यात्रियों को उतारने को कहा गया है। गुरूवार को बसें अंदर तो आईं, लेकिन पुलिस सुरक्षा न होने पर बड़ी संख्या में यात्री चोरी-छुपे निकल गए। जो यात्री लाइन में पीछे की तरफ लगे थे, उनमें कईं यात्री बल्लियों के नीचे से निकल गए। जांच कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिला प्रशासन से आइएसबीटी पर पुलिस बल तैनात करने की मांग की है।
सरकार ने भले ही सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए 50 फीसद यात्री क्षमता के साथ संचालन के आदेश दिए हुए हों, मगर रोडवेज बसों में इसका अनुपालन नहीं चल रहा। रोडवेज की बसों में सभी सीटों पर न केवल यात्री बैठाए जा रहे, बल्कि लंबी दूरी की कुछ बसों में तो यात्री खड़े होकर सफर करते दिखे।