प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर 11वीं तक गृह परीक्षाओं को लेकर सरकार यू-टर्न ले सकती है।

उत्तराखंड प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर 11वीं तक गृह परीक्षाओं को लेकर सरकार यू-टर्न ले सकती है। पहले गृह परीक्षाएं तय करने के बाद अब इन परीक्षाओं के स्थान पर छात्र-छात्राओं को कक्षोन्नति देने पर विचार प्रारंभ कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

उत्तराखंड प्रदेश सरकार गृह परीक्षाओं के संबंध में आदेश जारी कर चुकी है। आदेश के मुताबिक आगामी अप्रैल और मई के बीच में ये परीक्षाएं होंगी। इन्हें बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं के साथ आयोजित कराया जाए या आगे-पीछे, इस संबंध में विभाग निर्णय ले सकेगा। गृह परीक्षाएं आयोजित करने के पीछे सरकार की मंशा ये थी कि कोरोना के चलते चालू शैक्षिक सत्र में पढ़ाई से वंचित रहे छात्र-छात्राओं को कक्षोन्नति देने के बजाय आफलाइन परीक्षा ली जाए। हालांकि, इस कवायद से शैक्षिक सत्र आगामी जुलाई माह तक खिसकने जा रहा है

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने नया सत्र जुलाई के बजाय 15 अप्रैल से शुरू करने के पक्ष में हैं। इस वजह से अब गृह परीक्षाओं के स्थान पर छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कक्षोन्नति देने की योजना पर विचार शुरू किया गया है। शिक्षा मंत्री का निर्देश मिलने के बाद शिक्षा निदेशक आर के कुंवर ने कहा कि गृह परीक्षाओं के संबंध में शासन ने आदेश जारी किया है। लिहाजा इन परीक्षाओं को नहीं कराने के बारे में फैसला शासन को ही लेना है। शिक्षा निदेशालय छात्र-छात्राओं को कक्षोन्नति देने के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा।

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