सल्ट विधानसभा उपचुनाव के घोषित होते ही नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कंधों पर उपचुनाव का माहौल अपने पक्ष में बनाने की चुनौती

वीएस चौहान की रिपोर्ट

अभी तक इंतजार था कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे .सल्ट विधानसभा उपचुनाव के घोषित होते ही नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की परीक्षा की घड़ी आ गई है। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के कारण खाली हुई सीट पर वापसी की भाजपा के सामने चुनौती है। इस चुनाव में अभी किसी भी राजनीतिक दल ने उम्मीदवारी को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि भाजपा की जीना परिवार से ही प्रत्याशी देने की तैयारी है।

दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में बढ़त बनाने के लिए कांग्रेस भी इस सीट पर पूरा जोर लगाने की कोशिश में है। सल्ट उपचुनाव ऐसे समय में घोषित हुआ है जब तीरथ सिंह रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने नया-नया पदभार संभाला है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार के समय में लोगों की नाराजगी बढ़ने को नेतृत्व परिवर्तन के कारण बताया जा रहा है।

ऐसे में मुख्यमंत्री को सल्ट उपचुनाव की कमान भी संभालनी होगी। उपचुनाव का परिणाम यह भी बताएगा कि भाजपा की सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल के दौरान लोगों की कितनी नाराजगी रही है। नेतृत्व परिवर्तन के बाद लोगों के मूड में कितना बदलाव आया है।

अब तीरथ सिंह रावत के कंधों पर उपचुनाव का माहौल अपने पक्ष में बनाने की चुनौती है। सल्ट विधानसभा में दो बार कांग्रेस और दो बार भाजपा का परचम लहराया है। इस विधानसभा में भाजपा के पास यह सीट थी और उसके तेजतर्रार विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की यहां बेहद मजबूत पकड़ भी मानी जाती थी। भाजपा को अभी यह तय करना है कि उपचुनाव में भाजपा की तरफ से उम्मीदवारी किसकी होगी।

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