महज 17 साल की उम्र में डेयरी शुरू की और अब अपनी खास सोच से कोरोना आपदा को अवसर में बदल दिया।

संवाददाता

हरियाणा के हिसार जिले में  आदमपुर की एमकॉम पास 24 साल की सुनीता बिश्‍नोई को हरियाणा में ग्रामीण महिलाओं के बढ़ते कदम और सोच का प्रतीक कहें तो अतिश्‍योक्ति नहीं होगी। सुनीता ने महज 17 साल की उम्र में डेयरी शुरू की और अब अपनी खास सोच से कोरोना आपदा को अवसर में बदल दिया। कोरोना संकट के समय लाकडाउन में जब सब कुछ बंद हो गया तो उन्‍होंने देसी घी और अन्‍य डेयरी प्राेडक्‍ट बनाकर उसका ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया।

आज की तारीख में सुनीता 65 पशुओं की डेयरी चलाती हैं। उन्‍होंने सात साल पहले 17 साल की उम्र में पांच भैंसों व एक गाय से डेयरी शुरू की थी। तब परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। ऐसे में सुनीता ने अपना डेयरी का बिजनेस शुरू किया। उन्‍होंने हिसार के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय से ट्रेनिंग ली और डेयरी में नवीनतम तकनीकों को अपनाया  और अपने परिवार को  आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है

कोरोना काल में जब सारी दुनिया घर में कैद थी तब सुनीता के सामने भी डेयरी को चलाने की चुनौती थी। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद थे, मगर सुनीता ने इस आपदा को अवसर में बदलकर डेयरी से प्रोडक्ट बनाकर ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने श्री बालाजी डेयरी प्रोडेक्ट नाम से यू-ट्यूब चैनल बनाकर मार्केटिंग की। उन्‍होंने इसके साथ ही वीडियो बनाकर फेसबुक पर पेज बनाकर पोस्ट डालनी शुरू की।

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