भारत और नेपाल के बीच इंटरनेशनल झुलाघाट खुलने से व्यापारी नाराज जानिए क्यों

वीएस चौहान की रिपोर्ट

नेपाल (Nepal) के बैतड़ी प्रशासन ने भारत से गुजारिश की थी कि हर हफ्ते सोमवार और शुक्रवार को पुल का खोला जाए ताकि भारत और नेपाल के नागरिक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवाजाही कर सके.

पिथौरागढ़ नेपाल (Nepal) प्रशासन के अनुरोध पर झूलाघाट (Jhulaghat Bridge) के इंटरनेशनल झूला पुल को हफ्ते में दो दिनों के लिए खोलने पर सहमति बनी है. इन दिनों पुल पर आवाजागी हो सकेगी, लेकिन व्यापारी इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे है. भारतीय व्यापारियों का कहना है कि इंटरनेशनल पुल को नेपाल के हितों को देखते हुए खोला जा रहा है, जबकि उनका कारोबार बीते एक साल से पूरी तरह ठप पड़ा है. नेपाल के बैतड़ी प्रशासन ने भारत से गुजारिश की थी कि हर हफ्ते सोमवार और शुक्रवार को पुल का खोला जाए ताकि भारत और नेपाल के नागरिक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए  आवाजाही कर सके.

नेपाल की इस गुजारिश को भारत ने स्वीकार भी कर लिया है. तय हुआ है कि एक-दूसरे के मुल्क जाने वालों के पास बनाएं जाएंगे, जिसको अनुमति के आधार पर ही आवाजाही करने दी जाएगी. लेकिन इस फैसले से भारतीय व्यापारी भड़के हुए है.

झूलाघाट के व्यापारियों का कहना है कि उनका व्यापार पूरी तरह नेपाल पर निर्भर है. जब से lockdown लगा है उनकी दुकानों पर ताला लटक गया है. दो वक्त को रोटी भी रिश्तेदारों की मदद से जुटाई है. वो बार-बार इंटरनेशनल पुल को पहले की तरह खोले जाने की मांग कर चुके है, लेकिन उनकी मांगों पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. झूलाघाट व्यापार संघ के अध्यक्ष जगदीश जोशी का कहना है कि भारतीय प्रशासन नेपालियों के लिए तो पुल को खोलने जा रहा है, लेकिन अपनों का दर्द उसे दिखाई नहीं दे रहा है. साल भर से उनका धंधा चौपट है, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली.

अब नेपाली नागरिकों के लिए हफ्ते में दो दिन पुल खोला जा रहा है. जोशी ने इस फैसले का विरोध करने की भी बात कही है. पिथरागढ़ के तहसीलदार पंकज चंदौला ने कहा कि अब हर हफ्ते दो दिन पुल को खोला जाएगा. अगर कोई आपात स्थिति हुई तो पुल को अन्य दिनों में भी खोला जा सकेगा, लेकिन अनुमति पत्र के आधार पर ही इंटरनेशनल पुल पर आवाजाही सम्भव होगी.

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