उत्तराखंड विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र जनवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुसार अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए अगले 10 साल के लिए आरक्षण बढ़ाने की व्यवस्था की गई है। इसे सभी राज्यों की विधानसभाओं से पारित कराया जाना जरूरी है। इसलिए यह सत्र बुलाया जा रहा है।
केंद्र सरकार की और से हाल ही में अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि को बढ़ाया गया है। इसे अब राष्ट्रपति ने अनुमोदन देना है। यह तभी होगा, जब सभी राज्यों की विधानसभा से इसे पारित कर केंद्र को भेजा जाएगा। इसके बाद ही राष्ट्रपति इस पर अनुमोदन देंगे।
इसे देखते हुए केंद्र ने सभी राज्यों को इसके लिए अपनी विधानसभाओं से 10 जनवरी से पहले इसे पारित करने को कहा है। इस कड़ी में एक पत्र उत्तराखंड सरकार को भी भेजा गया है। पत्र मिलने के बाद प्रदेश में भी विशेष सत्र को बुलाने की तैयारी शुरू हो गई है।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। यह एक दिवसीय सत्र होगा। इसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।