जिले के भरदार बड़मा, ऊखीमठ समेत सभी क्षेत्रों में गुलदार की सक्रियता आबादी वाले क्षेत्रों में लगातर बढ़ रही है। गुलदार (तेंदुए) पालतू पशुओं को तो अपना शिकार बना रहे हैं, बल्कि इंसानों पर भी हमला कर रहे हैं। पिछले एक महीने में जिले में गुलदार ने तीन लोगों को अपना शिकार बनाया, जबकि दो सौ से अधिक पालतू पशुओं को अपना शिकार बनाया।
आबादी वाले क्षेत्रों में गुलदार की आवाजाही बढ़ने से ग्रामीण खौफ के साए में जी रहे हैं। इससे मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है। विशेषज्ञों की माने तो गुलदारों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है। जिससे वह आबादी के आसपास रहने के अनुकूल होते जा रहे हैं। यहां तक कि जंगल में न रहकर गुलदार अब गांवों के आसपास ही रहने लगे हैं। सत्तर फीसदी भोजन के लिए गुलदारों की निर्भरता पालतू मवेशियों पर ही बनी हुई है।
आबादी में आसान शिकार तलाश रहे गुलदार
53 नरभक्षी गुलदारों का शिकार कर चुके चमोली जिले के प्रसिद्ध शिकारी लखपत सिंह बताते हैं कि गुलदार रात में गांवों के आसपास शिकार की तलाश में आ रहे हैं, पहले वह जंगल में ही अपना शिकार खोजते थे, लेकिन समय के साथ आ रहे परिवर्तन के कारण अब वह आबादी के वाले इलाकों में शिकार खोज रहे हैं, जंगलों में शिकार करना गुलदार के लिए अब मुफीद नहीं रहा।
जंगलों में जानवरों की संख्या कम हो गई है। जो हैं उनका शिकार करना आसान नहीं है, इसके विपरीत आबादी वाले क्षेत्रों में आसानी से कुत्ते, गाय, बैल आदि शिकार करने को मिल जाता है। राज्य के प्रसिद्ध शिकारी जॉय हुकिल भी मानते हैं कि गुलदार के स्वभाव में परिवर्तन हुआ है, अब वह धीरे-धीरे आबादी की ओर बढ़ रहे हैं।
पिछले आठ वर्षों से वह उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में 16 नरभक्षी गुलदार को अपनी गोली का शिकार बना चुके हैं। वह कहते हैं कि उनके द्वारा मारे गए ज्यादातर गुलदार पूरी तरह स्वस्थ थे। गुलदार बूढ़े होने या अपंगता के कारण मनुष्य पर हमला नहीं कर रहे हैं, बल्कि गुलदार की निर्भरता अब आबादी वाले क्षेत्रों में पालतू जानवरों पर ज्यादा हो गई है, और वह इसी दौरान इंसान पर भी हमला कर रहे हैं।
भरदार व बडमा में सक्रिय है नरभक्षी गुलदार
जिले के भरदार व बडमा क्षेत्रों में इन दिनों नरभक्षी गुलदार सक्रिय है, हालांकि भरदार के पपडासू में शिकारी जॉय हुकिल ने नरभक्षी गुलदार को मारे जाने की बात कही है, लेकिन अभी तक उसका शव नहीं मिला है, यह गुलदार अब तक दो महिलाओं व एक पुरूष को अपना शिकार बना चुका है। वहीं बड़मा क्षेत्र में भी गुलदार एक तीन वर्षीय बच्चे पर हमला कर चुका है।
बोले अधिकारी
वैभव सिंह (उप वन संरक्षक, रुद्रप्रयाग) का कहना है कि गुलदार की सक्रियता आबादी की ओर बढ़ी है। भरदार क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को शिकारी ने गोली मारी थी, लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है, टीम अभी भी उसे खोज रही है।