मौसम में ठंड बढ़ने के बाद भी डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। डेंगू से पीड़ित एक और महिला की मौत हो गई है। महिला ने दो दिन पहली ही एक बच्ची को जन्म दिया था। महिला का उपचार देहरादून के एक अस्पताल में चल रहा था। प्लेटलेट्स अत्याधिक कम होने के कारण महिला की मौत हुई है।
डेंगू और संदिग्ध बुखार ने इस बार जमकर कहर मचाया है। डेंगू से क्षेत्र में लगातार मौत हो रही है, लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। जिसके चलते डेंगू से मरने वालों का सिलसिला रुक नहीं पा रहा है। पनियाला गांव निवासी दीपा (25 वर्ष) पत्नी मांगेराम गर्भवती थी। पिछले एक सप्ताह से वह बुखार से पीड़ित थी। परिजनों ने जब उसकी जांच कराई तो पता चला कि महिला को डेंगू है।
हालत बिगड़ने पर चार दिन पहले महिला को उपचार के लिए देहरादून के एक अस्पताल ले जाया गया। वहां दो दिन पहले महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। मंगलवार को महिला की हालत ज्यादा बिगड़ गई। परिजनों ने बताया कि प्लेटलेट्स की अत्याधिक कमी हो गई थी। जिससे चिकित्सक उसे बचा नहीं पाए। महिला का शव गांव में लाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जिला पंचायत सदस्य सपना वाल्मीकि ने बताया कि गांव में डेंगू से चार मौत हो चुकी हैं, जबकि कई लोग डेंगू से पीड़ित रहे हैं। कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से गांव में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव एवं फॉगिंग कराए जाने और चिकित्सा शिविर लगाने की मांग की गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया है। बता दें कि डेंगू और संदिग्ध बुखार से रुड़की, भगवानपुर और आसपास करीब 54 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।