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सोमवार 28 अप्रैल को जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में एक इतिहास लिखा गया। महज 14 साल के बच्चे ने अच्छे-अच्छे गेंदबाजों के होश उड़ा दिए। महज 35 गेंदों में शतक ठोककर आईपीएल में एक नया अध्याय इस बच्चे ने लिख दिया, जिसका नाम है वैभव सूर्यवंशी। इतना ही नहीं, वैभव सूर्यवंशी के सेंचुरी के सेलिब्रेशन में राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच राहुल द्रविड़ इतना खो गए कि वे भूल ही गए कि वे इस समय पैर की चोट से जूझ रहे हैं और उनको बिना किसी सहारे के खड़े नहीं होना है। बावजूद इसके राहुल द्रविड़ ने रिस्क लिया।
आज हर किसी की जुबान पर वैभव सूर्यवंशी का नाम है। मात्र 14 साल के इस बच्चे ने आईपीएल के बड़े मंच पर ऐतिहासिक कारनामा कर दिया। आईपीएल 2025 में गुजरात जायंट्स के खिलाफ बड़े स्कोर के सामने राजस्थान रॉयल्स के वैभव सूर्यवंशी ने अपने बल्ले की चमक दिखाई। मात्र 35 गेंद में शतक जड़कर आज वैभव आईपीएल के सबसे युवा भारतीय शतकवीर बन चुके हैं। लेकिन यहां तक पहुंचने का वैभव का सफर कतई आसान नहीं था। वैभव ने बहुत कम उम्र में कड़ी तपस्या और मेहनत करके खुद को इस काबिल बनाया है। आइए जानते हैं कैसा रहा वैभव सूर्यवंशी का सफर
पिता का पूरा किया सपना
क्रिकेट के मैदान पर वैभव सूर्यवंशी को लाने वाले उनके पिता संजीव सूर्यवंशी थे। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले संजीव का खुद का सपना था क्रिकेटर बनने का। लेकिन जब हालात ने उनका सपना तोड़ दिया तो उन्होंने तय कि वह अपने बेटे के रास्ते में कोई रोड़ा नहीं आने देंगे। फिर शुरू हुआ पिता और बेटे की मेहनत का सिलसिला। पटना में नेट प्रैक्टिस करते हुए वैभव मात्र 10 साल की उम्र हर रोज 600 गेंदें खेलते थे। 16-17 साल के नेट बॉलर्स उन्हें गेंदबाजी करते थे और इन गेंदबाजों के लिए वैभव हर रोज 10 टिफिन लाते थे।
परिवार को उठाने पड़े कष्ट
सिर्फ इतना ही नहीं। वैभव को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके परिवार को और भी कई कष्ट उठाने पड़े। अपने बच्चे के क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा करने के लिए सूर्यवंशी परिवार ने अपनी जमीन तक बेच डाली। इस परिवार के संघर्ष से सफलता की कहानी अब आने वाले समय में क्रिकेट की किवदंतियों का हिस्सा होगा। यह भी दिलचस्प है कि वैभव सूर्यवंशी का जन्म आईपीएल शुरू होने के तीन साल बाद 2011 में हुआ। आज वह आईपीएल में क्रिस गेल के बाद दूसरा सबसे तेज शतक जमाने वाले खिलाड़ी हैं।
परिपक्वता भी दिखाई
वैभव सूर्यवंशी की उम्र के बाकी बच्चे स्कूलों के होमवर्क करने या प्ले स्टेशन पर खेलने में व्यस्त होंगे। वहीं, बाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्यवंशी 141 टेस्ट का कुल अनुभव रखने वाले मोहम्मद सिराज और ईशांत शर्मा की गेंदों की जमकर धुनाई कर रहे थे। सिराज को लांग ऑन के ऊपर और ईशांत को स्क्वॉयर लेग पर जिस तरह से वैभव ने शॉट लगाये , इससे साबित होता है कि इतनी कम उम्र में वह कितना परिपक्व है।
इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के 18वें सीजन का 47वां लीग मुकाबला राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटन्स के बीच खेला गया। एक समय पर लग रहा था कि राजस्थान की टीम जैसा प्रदर्शन करती आई है, वैसा ही इस मैच में भी करेगी, क्योंकि जब उन्होंने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी थी तो उनकी फील्डिंग और गेंदबाजी दोयम दर्जे की थी। पहले 10 ओवर में राजस्थान को अपने होम ग्राउंड पर एक विकेट तक नहीं मिला था। गुजरात ने 209 रन 4 विकेट खोकर बनाए। इससे लगा कि ये स्कोर शायद ही राजस्थान से चेज होगा, लेकिन आरआर की टीम ने महज 15.5 ओवर में वैभव सूर्यवंशी के तूफानी शतक के दम पर 2 विकेट खोकर इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। इस जीत का फायदा राजस्थान रॉयल्स को पॉइंट्स टेबल में मिला है। वहीं, गुजरात टाइटन्स टॉप 2 से बाहर हो गई है।