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देहरादून में डेंगू का खतरा बढ़ रहा है.
एक अप्रैल से अब तक जिले भर में डेंगू के 29 मामले सामने आ चुके हैं। आने वाले दिनों में डेंगू के आउटब्रेक को रोकने के लिए विभाग ने एक मास्टर प्लान भी तैयार किया है। इसके तहत 10 अलग-अलग कैडरों के कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक दून के शहरी क्षेत्राें के 100 वार्डों और ऋषिकेश के 40 वार्डों से संबंधित क्षेत्र की आशाएं हर राज 50 घरों का सर्वे करेंगी। इन आशाओं की निगरानी के लिए आंगनबाड़ी, और आरबीएसके की टीम को लगाया जाएगा। इसमें एक डॉक्टर और एक नर्स भी शामिल रहेगी।
जिले में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। एक मई से प्लान को जमीन पर उतारने की तैयारी की जा रही है। इसमें आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम, डेंगू वॉलंटियर और मॉनिटरिंग टीम को शामिल किया गया है। इसमें कुल 850 स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। टीम देहरादून शहर के 100 और ऋषिकेश के 40 वार्डों में पहुंचकर लार्वा नष्ट करेगी। घरों में लार्वा और गंदगी मिलने पर सेनेटरी विभाग की टीम चालानी कार्रवाई भी करेगी।
अलग-अलग विभाग के अधिकारी औचक निरीक्षण कर लेंगे फीडबैक
जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन, खाद्य, जिला परियोजना, शिक्षा, आयुर्वेद और होम्योपैथी विभाग से जुड़े अधिकारी भी क्षेत्रों का औचक दौरा करेंगे। इस दौरान वे डेंगू नियंत्रण टीम और क्षेत्र के लोगों से एक-दूसरे के संबंध में फीडबैक लेंगे। इस दौरान जो भी खामियां सामने आएंगी, उनके निस्तारण के लिए संबंधित लोगों को आदेश दिए जाएंगे।
घरों में लार्वा मिला तो होगी चालानी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग घर-घर जाकर लार्वा की जांच करेगी। इस दौरान लार्वा मिलने पर लोगों पर चालानी कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए भी टीम को निर्देश दिए गए हैं। टीम की ओर से इसकी जानकारी शहरी स्वास्थ्य अधिकारी को भी देनी होगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। एक मई से मास्टर प्लान को लागू कर दिया जाएगा। इसमें शामिल सभी कर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं