भू कानून के उल्लंघन के मामले में खरीदार ही नहीं, अफसर भी होंगे जिम्मेदार.

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जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत राज्य से बाहर के लोगों को भूमि खरीद में दी गई छूट के दुरुपयोग के मामले में खरीदार ही नहीं नियमों की अनदेखी कर खरीद की अनुमति और रजिस्ट्री करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। सरकार अब ऐसे जवाबदेह अफसरों और कर्मचारियों पर भी एक्शन की तैयारी कर रही है जिनकी नाक के नीचे भू कानून की धज्जियां उड़ीं।

भू-कानून उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले अभी तक नैनीताल और देहरादून जिले में सामने आए हैं। ऐसे मामलों में भू-कानून का उल्लंघन करने वाले करीब 434 लोगों को 166 के नोटिस जारी हो चुके हैं। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भू कानून के उल्लंघन मामले में जांच के आदेश दिए थे।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से इसकी विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सभी जिलाधिकारियों को भू अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी करने के साथ मुकदमे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। जिलाधिकारियों के स्तर पर तेजी से कार्रवाई शुरू हो गई है। करीब दो दर्जन से अधिक मामलों में एफआईआर की कार्रवाई की सूचना है।

राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक, नवंबर महीने तक शासन और जिलाधिकारी के स्तर पर जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में शहरी क्षेत्रों से बाहर करीब 1500 मामलों में अनुमति दी गई। इनमें से ज्यादातर 250 वर्ग मीटर भूमि की खरीद के मामले हैं। सबसे अधिक 931 अनुमतियां हरिद्वार जिले की हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा 88, पौड़ी में 85, देहरादून में 62 टिहरी में 44 और बागेश्वर जिले में 22, उत्तरकाशी में 18 प्रकरणों में अनुमतियां दी गईं। अन्य पर्वतीय जिलों में प्रकरणों की संख्या काफी कम है।

भू कानून के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई जारी है। कितने मामलों में नोटिस जारी हुए, यह संख्या अभी बताना संभव नहीं है। उल्लंघन के मामलों में जहां अधिकारियों व कर्मचारियों को जानबूझकर की गई गलतियां सामने आएंगी तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
-एसएन पांडेय, सचिव राजस्व

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