Herdyes ballabh goswami for NEWS EXPRESS INDIA
रुद्रपुर। परिवहन निगम अनुबंधित बसों के भरोसे हो गया है। एक तो बसों के बेड़े में पहले से ही बसों का अकाल चल रहा है। अब 10 बसों की नीलामी होने से लोकल रूटों पर बसों की कमी भी हो गई है।
रुद्रपुर परिवहन निगम के पास कुल 84 बसों का बेड़ा था। इसमें निगम व अनुबंध का अनुपात आधा आधा था। इधर निगम की 10 बसें जो 10 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी थी व यातायात में खतरे का सबब बनी थी उनकी नीलामी कर दी गई। इन बसों को पहले से ही लोकल रूट बरेली, मुरादाबाद, टनकपुर व काशीपुर रूट पर चलाया जा रहा था। अचानक इन बसों के लोकल रूटों से हटने के चलते यात्रियों का भार बढ़ गया है। अब रोडवेज के बेड़े में अनुबंध की बसों की संख्या अधिक हो गई है। इन रूटों पर बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।
अनुबंधित बसों के भरोसे रहने पर परिवहन निगम की आय को भी बड़ी चपत लगेगी। बसों को अनुबंध पर लेने में मिनी बसों को लगभग 9.50 रुपये प्रति किलोमीटर और बड़ी बसों का 10.50 रुपये प्रति किलोमीटर बस मालिकों को देना होता है। जबकि डीजल और कंडक्टर निगम का होता है। ऐसे में 10 नई बसों का अनुबंध किए जाने से निगम को आय में बड़ी चपत लगने वाली है।
रुद्रपुर परिवहन निगम के पास फिलहाल 32 बसें हैं। इसमें नई बसों को लंबे रूटों पर चलाया जाता है। लोकल रूटों पर थोड़ी पुरानी बसों को ही चलाया जाता है। निगम की कुल बसों में आधी बसें ऐसी हैं जो एक-दो साथ में 10 लाख किमी का कोटा पूरा कर लेंगी। ऐसे में साल दर साल परिवहन निगम को बसों की व्यवस्था करनी पड़ेगी।
लोकल रूटों पर फिलहाल बसों के फेरे बढ़ा दिए गए हैं। जब तक बसों की उपलब्धता नहीं हो जाती तब तक अनुबंधित बसों को लोकल रूटों पर चलाया जाएगा। -केएस राणा, एआरएम रोडवेज रुद्रपुर।