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उत्तराखंड में कुदरत के कहर का आलम यह है कि सैकड़ों लोगों की जान मुश्किलों में फंसी हुई है. जगह-जगह पहाड़ ढह रहे हैं. सड़कें बंद हो चुकी हैं. केदानराथ की यात्रा करने आए लोग फंसे हुए हैं, जिनके रेस्क्यू के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में वायु सेना का चिनुक हेलिकॉप्टर भी तैनात है. वायु सेना ने 800 किलों राहत समग्री गिराई गई तो 94 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. केदार घाटी में फंसे लोगों को रेसक्यू करने के लिए वायुसेना के Mi-17 और ALH गुप्तकाशी और चिनूक गौचर से लगातार उड़ान भर रहे हैं.
तीन अगस्त तक केदारनाथ, भीमबली, लिंचोली और चीड़वासा से 1982 यात्री एयरलिफ्ट कराए गए हैं. वहीं चार अगस्त को लिंचोली और भीमबली से 560 लोग और केदारनाथ से 80 लोगों को हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित जगह पहुंचाया गया. पूरे ऑपरेशन में अभी तक 2622 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है. वहीं पैदल और हैली के जरिये अभी तक कुल 10374 लोग सुरक्षित जगह पहुंचाए गए हैं. वहीं अब लिंचोली में मात्र 50 यात्री, केदारनाथ में 350 यात्रियों को रेस्क्यू किया जाना बाकी है, जिसके लिए सोमवार को भी ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
4 अगस्त को करीब 1300 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. अभी भी करीब 400 यात्रियों का रेस्क्यू होना बाकी है. 4 अगस्त को हेलीकाप्टर से 670, पैदल 660 लोगों को केदारघाटी से बाहर लाया गया. वहीं उत्तरकाशी में गंगोत्री हाइवे नेताला के पास मलबा आने से बन्द हो गया है, जिसे बीआरओ की मशीन खोलने में जुटी हुई है. वहीं टिहरी में बारिश के चलते जिले का एक एसएच ओर 11 ग्रामीण रोड बंद हो गया है.