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अलीगढ़ की खैर कोतवाली में महिला की आग से जलकर मौत के मामले में पांच ससुरालियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा मृत महिला के भाई की तहरीर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में लिखा गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव मायका पक्ष इगलास के गांव मोहकमपुर लेकर गया, जहां अंतिम संस्कार किया गया। इधर, मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है। इसी क्रम में बुधवार दोपहर फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। वहीं पुलिस टीम ने महिला व उसके बेटे द्वारा पेट्रोल लाने के साक्ष्य खंगाले।
खैर कोतवाली में मंगलवार दोपहर हुए घटनाक्रम में इलाके के गांव दरकन नगरिया की 50 वर्षीय हेमलता पत्नी स्वर्गीय राजकुमार की जलने से मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि महिला अपने शरीर पर पेट्रोल उड़ेलकर कोतवाली में प्रवेश कर रही है।
साथ चल रहा उसका बेटा गौरव मोबाइल से वीडियो बना रहा है। तभी दरोगा यह देख महिला को रोकता है और हाथ से लाइटर छीनता है। इसी प्रयास में लाइटर नीचे गिरता है, जिसे गौरव उठाता है और जला देता है। बस उसी पल पेट्रोल से भीगी महिला का शरीर आग की लपटों से घिर जाता है। महिला को मेडिकल कॉलेज में मृत घोषित किया जाता है। देर रात तक पुलिस इस घटना के लिए महिला के बेटे को जिम्मेदार मानती रही। बेटे को हिरासत में भी लिया गया। मगर बाद में उसे लोगों के दबाव में छोड़ दिया। बुधवार को इस मामले में महिला के मोहकमपुर निवासी भाई बृजमोहन ने तहरीर दी है, जिसके आधार पर भारतीय न्याय संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 108 के तहत दरकन नगरिया निवासी जेठ चंद्रभान, देवर मुकेश, चंद्रभान के बेटे पवन उर्फ भूरा, पंकज व मुकेश के बेटे दीपक को नामजद कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा लिखा गया है।
मुकदमे में आरोप, ममेरे नहीं-फुफेरे भाई हैं आरोपी
मुकदमे में आरोप है कि उनकी बहन की शादी तीस वर्ष पूर्व राजकुमार संग हुई थी, तभी से राजकुमार अपनी बुआ के बेटे चंद्रभान-मुकेश के घर दरकन नगरिया में रहते थे। उनकी 2019 में मौत हो गई। उनकी बहन के एक बेटी व तीन बेटे हैं। मगर बहनोई की मौत के बाद से ही देवर-जेठ उन्हें मकान से बाहर करने की कोशिश करने लगे।
13 जून को बहन के साथ संपत्ति हड़पने की नीयत से मारपीट कर छेड़खानी की। इसका मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने उस मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं की। फिर बहन को निर्वस्त्र कर बच्चों व मवेशियों के साथ घर से भगा दिया गया।
आरोपी लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। मगर पुलिस सुनवाई नहीं कर रही थी। इसी क्रम में दिए गए शिकायती पत्र में मंगलवार को दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया गया था। जहां उनकी बहन बेटे गौरव संग 11 बजे पहुंची। वहां नामजद चंद्रभान पहले से मौजूद था। उसने कोतवाल के सामने मकान छोड़ने से इन्कार कर दिया।
इसके बाद उनकी बहन आत्महत्या की धमकी देते हुए उठकर चली गई। बाद में उसने चंद्रभान आदि नामजदों के उकसाने, गाली-गलौज, प्रताड़ित करने व धमकाने पर थाना परिसर में आत्महत्या कर ली।
बेटे की मंशा-भूमिका पर जांच जारी
इस घटना में पुलिस ने बेशक भाई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मगर सीसीटीवी साक्ष्यों को लेकर बेटे की भूमिका, मंशा आदि की जांच जारी है। उसी आधार पर मुकदमे में बेटे पर कार्रवाई पर निर्णय होगा। पुलिस के संकेत ये हैं कि या तो इसी मुकदमे में बेटे का नाम बढ़ाया जाएगा या फिर एक अलग से बेटे पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह साक्ष्यों सत्यापन के आधार अगले एक दो दिन में तय होगा।
फिलहाल मुकदमा दर्ज, बाकी जांच जारी : एसएसपी
एसएसपी संजीव सुमन कहते हैं कि महिला के भाई की ओर से दी गई तहरीर पर ससुरालियों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में मुकदमा लिखा गया है। बेटे को अभी क्लीनचिट नहीं है। उसे लेकर हमारी विववेचना, सीसीटीवी फुटेज का सत्यापन व साक्ष्य संकलन जारी है। चूंकि एक घटना में दो मुकदमे लिखने का प्रावधान नहीं है।
इसलिए बेटे को या तो इसी मुकदमे में आरोपी बनाया जाएगा। या फिर विधिक राय लेकर बेटे पर अलग से मुकदमा दर्ज किया जाएगा।रहा सवाल कोतवाली पुलिस की लापरवाही या जवाबदेही का तो मैंने मंगलवार को मौके पर पहुंचकर आरोपी परिवार से बात की। भाई ने शुरुआत में जरूर चौकी पुलिस आरोप लगाए। मगर बाद में परिवार के सभी सदस्य यह कहने लगे कि पुलिस पूरे मामले में मदद करती आ रही है। इसलिए पुलिस इस मामले में जिम्मेदार नहीं है। फिर भी हम अपने स्तर से पुलिस भूमिका को दिखवा रहे हैं।
98 फीसदी जली थी महिला
पोस्टमार्टम में पाया गया कि आग लगने से महिला 98 फीसदी जली थी। शायद यही वजह रही कि घटना के महज चार घंटे बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। बस उसके पांव के पंजे ही बचे थे, जो सुरक्षित मिले हैं। बाकी शरीर का पूरा ऊपरी हिस्सा जल गया। इसी वजह से महिला की मौत हुई।
पति की ननिहाल नहीं, बुआ का घर
महिला हेमलता जिस दरकन नगरिया गांव में रहती थी। वह पति की ननिहाल नहीं है, बल्कि बुआ का गांव है। मुकदमे में आरोपी चंद्रभान पति का फुफेरा बड़ा भाई है। जिसके घर महिला का पति शादी के पहले से रहता आया है। चंद्रभान का परिवार ही राजकुमार की मौत के बाद मकान खाली कराना चाहता था। उसकी ऐवज में महिला व उसके बच्चे बीस लाख मांग रहे थे। वह दो लाख देने को तैयार था। पुलिस की मध्यस्थता पर बात एक तरफ से दस लाख व दूसरी ओर से पांच लाख पर आकर टिक गई थी।
बचाने में दो दरोगा भी झुलसे
महिला लाइटर जलाती उससे पूर्व ही एसआई रणवीर सिंह ने लाइटर छीनने का प्रयास किया किंतु लाइटर जमीन में गिर गया था। इसी बीच मौका पाकर महिला के पुत्र गौरव ने लाइटर उठाया और जला दिया। महिला को बचाने के प्रयास में एसआई रणवीर सिंह के हाथ व मुंह व इंस्पेक्टर क्राइम अनुज कुमार शर्मा का हाथ जल गया।
फॉरेंसिक टीम ने संकलित किए साक्ष्य
बुधवार को सुबह से ही खैर पुलिस अलर्ट मोड पर थी। दोपहर को फॉरेंसिक टीम प्रभारी धर्मेन्द्र चौहान ने टीम सहित घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किए। मृतका के भाई बृजमोहन ने चन्द्रभान, मुकेश, नेत्रपाल, पवन उर्फ भूरा, पंकज, दीपक के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की तहरीर कोतवाली खैर में दी है। सीओ खैर राजीव द्विवेदी ने बताया कि मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।