Herdyes ballabh goswami for NEWS EXPRESS INDIA
उत्तराखंड में अब जमकर बादल बरस रहे हैं, बीते कुछ दिनों तक यहां लोग गर्मी से बेहाल थे. अब मानसून ने अपनी एंट्री के साथ ही तबाही मचानी शुरू कर दी है. पिछले 24 घंटे में चमोली में सबसे अधिक 72 मिमी बारिश हुई है, तो वहीं हरिद्वार में 58 मिमी बारिश, हल्द्वानी में 56, पिथौरागढ़ के बंगापानी में 69 मिमी, विकासनगर में 67 मिमी, बागेशवर के कपकोट में 45 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. इस दौरान पोखरी में भारी बारिश के कारण मलवा सड़क पर आ गया.
उत्तराखंड में बारिश का दौर शुरू हो गया है. पिछले 24 घंटे में चमोली में सबसे अधिक 72 मिमी बारिश दर्ज की गई है. झमाझम बारिश का असर चारधाम यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है.
भारी बारिश के बीच मंगलवार को भूस्खलन के कारण मलबा आने से प्रदेश की 96 सड़कें बंद हो गईं। इनमें सबसे अधिक 47 ग्रामीण सड़कें हैं। लोक निर्माण विभाग ने 24 सड़कों को खोल दिया है। अब भी 72 सड़कें बंद हैं और उन्हें खोलने के लिए मशीनरी मौके पर तैनात है।
विभाग के मुताबिक, सभी राष्ट्रीय राजमार्ग खुले हैं। जबकि छह स्टेट हाईवे अब भी बंद पड़े हैं। सोमवार को चार स्टेट हाईवे खोले गए। बारिश के कारण सबसे ज्यादा ग्रामीण सड़कें प्रभावित हुई हैं।
इनमें 61 पीएमजीएसवाई व अन्य ग्रामीण सड़कें बंद थीं, जिनमें से 14 सड़कों को खोला जा चुका है। शेष 47 सड़कें अब भी बंद पड़ी हैं। विभाग के मुख्य अभियंता (नियोजन) ओम प्रकाश के मुताबिक, सड़कों को खोलने के लिए 69 मशीनें तैनात हैं। सभी बंद सड़कों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में सभी शासकीय, अशासकीय, निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे.
वहीं, प्रदेश के कई हिस्सों में कल भी भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड और गढ़वाल के कुछ जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जबकि देहरादून समेत पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले में कहीं-कहीं बिजली चमकने के साथ तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इन सभी जिलों में कई दौर की तेज बारिश होने से जलभराव और भूस्खलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।