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किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन आजाद और सिद्धूपुरा ने सुनाम रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर आंदोलन किया। रविवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन कर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया।
भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद और सिद्धूपुरा के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। राज्य सरकार भी किसानों के प्रति गंभीर नहीं है। नेताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगों को लागू नहीं करेगी यह संघर्ष चलता रहेगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए राजस्थान के किसानों ने कमर कस ली है. इसके लिए 500 से अधिक ट्रैक्टर सवार होकर किसानों ने जयपुर कूच करने की तैयारी कर ली है. बड़ी संख्या में किसान अजमेर और दूदू से होते हुए सोमवार सुबह 10 बजे जयपुर की ओर बढ़ेगे. इसके लिए गांव-गांव जाकर किसान प्रतिनिधियों ने पीले चावल बांटे हैं.
किसान नेता रामपाल जाट का कहना है कि सत्य, शांति और अहिंसा के आधार पर होने वाले ट्रैक्टर कूच के आयोजन में सहयोग की विनती की गई है. उनके नेतृत्व में पिछले 44 साल में हुए आंदोलन शांतिपूर्ण रहे हैं. इसलिए शांतिपूर्ण आंदोलनों को दमन के आधार पर रोकना भारतीय संविधान की भावनाओं को आहत करना और लोकतंत्र को कुचलने जैसा है.
बता दें कि किसानों का यह कूच अजमेर और दूदू जिले की सीमा से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग से जयपुर तक पहुंचेगा. कानून न बनने पर यह कूच दिल्ली की ओर बढ़ेगा. किसानों ने चेतावनी दी है, अगर आंदोलन को दबाने या कुचलने का प्रयास किया गया तो राजस्थान के 45 हजार गांवों के बंद का आह्वान किया जाएगा. इस अवसर पर किसान अपने गांव में ही रहेंगे.
वहीं, किसानों ने कहा कि अपनी फसलें सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचने को विवश होना पड़ रहा है. पिछले एक महीने से सरसों 650 से लेकर 1400 रुपए प्रति क्विंटल घाटे में बेचनी पड़ रही है. इस घाटे से बचने के लिए किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनवाने के लिए सड़क पर उतरने को विवश हैं.