परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन द्वारा मंगलवार को सभी मंडलीय प्रबंधक, सहायक महाप्रबंधक को आदेश जारी कर एक व दो जनवरी को बस न चलाने वाले चालकों की सूची उपलब्ध कराने को कहा।

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मोटर कानून के प्रावधानों के विरोध में रोडवेज बस न चलाने वाले चालकों और अनुबंधित बस मालिकों पर परिवहन निगम ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सभी अनुपस्थित चालकों की सूची तलब की गई.

परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन की ओर से मंगलवार को सभी मंडलीय प्रबंधक, सहायक महाप्रबंधक को आदेश जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि चूंकि परिवहन निगम में छह माह के लिए उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 (उत्तराखंड में यथा प्रवृत्त) यानी एस्मा लागू है। ऐसे में किसी भी तरह की हड़ताल निषिद्ध है। उन्होंने एक व दो जनवरी को बस न चलाने वाले चालकों की सूची तत्काल उपलब्ध कराने को कहा। दो दिन जो भी चालक बस संचालन में ड्यूटी पर नहीं आए, उन्हें अग्रिम आदेशों तक बिना मुख्यालय की अनुमति कोई अवकाश नहीं दिया जाएगा।

संविदा, आउटसोर्स, एजेंसी चालक व परिचालकों को हड़ताल अवधि में बस संचालन न करने पर इस अवधि में सेवा ब्रेक मानी जाएगी। एक व दो जनवरी को जिन अनुबंधित बस मालिकों ने बसें नहीं भेजी, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही अनुबंध की शर्तों के तहत भी कार्रवाई की कजाएगी। उन्होंने ये भी आदेश दिए हैं कि अगर किसी चालक, परिचालक को बस संचालन के दौरान कोई व्यक्ति अवरोध पैदा करता है तो तत्काल पुलिस प्रशासन की मदद से कार्रवाई की जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों के अवकाश रद्द कर दिए हैं।

तोड़फोड़ का जिम्मेदार निगम होगा
मंगलवार को परिवहन निगम के संगठन प्रतिनिधियों के साथ प्रबंधन की वार्ता हुई। वार्ता में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी, उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के निदेशक पंत, प्रेम सिंह रातव, यूनियन के बालेश्वर कुमार, हरि सिंह आदि शामिल हुए। बैठक में निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने सभी यूनियनों से रोडवेज बस संचालन को कहा। तय हुआ कि परिवहन निगम के संगठन इस चक्काजाम में शामिल नहीं होंगे।

इस बात पर भी सहमति बनी कि अगर संचालन के दौरान बस में कोई तोड़फोड़ या क्षति होती है तो निगम उसका जिम्मेदार होगा। इसके बाद उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने सभी घटक संगठनों से बस संचालन सुचारू करने का आह्वान किया। मोर्चा संयोजक अशोक चौधरी, दिनेश पंत, रविनंदन कुमार, रामकिशुन राम ने कहा कि वह भी नए कानून के विरोध में हैं। चालकों का हित सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जा रहा है।

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