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वीकेंड पर ऋषिकेश, मुनि की रेती, तपोवन क्षेत्र में वाहनों की भीड़ उमड़ी। सुबह से लेकर शाम तक वाहन रेंगरेंग कर चलते रहे। नेपाली फार्म से लेकर ब्रह्मपुरी तक स्थानीय पुलिस प्रशासन की यातायात व्यवस्था फेल हो गई।
सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़े वाहन और आड़ी तिरछी खड़ी ठेलियां भी दिनभर जाम का कारण बने रहे। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए सुबह से ही नेपालीफार्म से वाहनों को डायर्वट किया गया, लेकिन फिर भी स्थानीय लोगों को पुरानी चुंगी से लेकर तपोवन तक जाम से निजात नहीं मिली।
शनिवार, रविवार और दो अक्तूबर को तीन दिन का अवकाश के चलते दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि प्रांतों के पर्यटक कैंपिंग और राफ्टिंग का आनंद लेने के लिए मुनि की रेती, स्वर्गाश्रम, तपोवन और लक्ष्मणझूला निजी वाहनों से पहुंचते रहे ।
स्थानीय होटल भी पर्यटकों से पैक हो गए । हेंवल घाटी अंतर्गत गरुड़चट्टी, रत्तापानी, मोहनचट्टी, घट्टूगाड़, नैल, बिजनी, शिवपुरी, घुघतानी, क्यार्की आदि क्षेत्रों में संचालित कैंप भी पर्यटकों से फुल हो गए .
पर्यटकों की भीड़ के कारण सुबह से देरशाम तक नेपाली फार्म, श्यामपुर फाटक, कोयलघाटी, पुरानी चुंगी, त्रिवेणीघाट चौक, देहरादून तिराहा, चंद्रभागा पुल, भैरव मंदिर, कैलासगेट, शिवानंद गेट, तपोवन और ब्रह्मपुरी तक वाहन रेंगरेंगकर चलते रहे।
वाहनों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए हरिद्वार से आने वाले बाहरी पर्यटकों के वाहनों को नेपाली फार्म से डायवर्ट कर उन्हें छिद्दरवाला, भानियावाला चौक होते हुए जौलीग्रांट, मनइच्छा देवी मंदिर बाईपास मार्ग भेजा गया। उसके बावजूद भी नेपाली फार्म से लेकर ब्रह्मपुरी तक दिनभर वाहन रेंगरेंग कर चलते रहे।
लक्ष्मणझूला-नीलकंठ मोटर मार्ग का भी यही हाल रहा। यहां सड़क किनारे खड़े कैंप संचालक और पर्यटकों के वाहनों से दिनभर जाम रहा। जिससे पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले वाहन और नीलकंठ धाम जाने वाले भक्तों को परेशानी हुई। शाम ढलते ही कैंप और होटल पर्यटकों से गुलजार हो गया।