उत्तराखंड के 6 जिलों में मौसम बिगड़ने की संभावना है। देहरादून समेत छह जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी.

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उत्तराखंड की 6 जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है । मौसम विज्ञान विभाग में देहरादून समेत 6 जिलों के लिए जारी किया है जबकि अन्य जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार आज देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ जिले में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में तेज बारिश होने के आसार हैं। इन 6 जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ बारिश हो सकती है। उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में भी हल्की बारिश होने की संभावना है।

बारिश के चलते मसूरी बैंड और गश्ती बैंड के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार रात मलबा और बोल्डर आ गया। इससे रात आठ बजे से बुधवार सुबह सात बजे तक करीब 11 घंटे हाईवे बंद रहा। यमुनोत्री और रवाई घाटी जाने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। पहाड़ से मलबा और बोल्डर गिरने का खतरा अभी भी बना हुआ है।

पागल नाला में आया भारी मलबा

उधर बदरीनाथ हाईवे पर पागल नाला एक बार फिर से आवाजाही में बाधक बन गया। बिना बारिश के ही पागल नाला में बुधवार को भारी मलबा आ गया। पागल नाला में आए मलबे से यातायात ठप हो गया। जेसीबी लगाकर मलबा हटाया गया, लेकिन फिर भी यहां से वाहनों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। यहां से निकलते समय वाहन फिसल रहे थे, जिसकी वजह से हाईवे को सुचारु करने में लगभग ढाई घंटे लग गए। हालत यह है कि हाईवे के किनारे टनों मलबा और बोल्डर अटके हुए हैं। मलबा हटाने के बाद भी यहां से एक वाहन को गुजरने में लगभग 15 मिनट लग रहे हैं।

पूर्व ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पागल नाला का स्थाई उपचार बेहद जरूरी है। जाम लगने पर तीर्थयात्रियों ने वाहनों में बैठकर ही हाईवे खुलने का इंतजार किया जिससे उन्हें काफी दिक्कतें हुई।

रिवर राफ्टिंग पर फिलहाल रोक

ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बढ़ने से पर्यटन विभाग, गंगा नदी, रिवर राफ्टिंग रोटेशन समिति, सिंचाई विभाग और आईटीबीपी के अधिकारियों ने मरीन ड्राइव से लेकर तपोवन नीम बीच तक तक गंगा का निरीक्षण किया। इसके बाद राफ्टिंग को फिलहाल स्थगित रखने का निर्णय लिया है। यहां एक सितंबर से राफ्टिंग शुरू होनी थी, लेकिन राफ्टिंग के शौकीनों को फिलहाल और इंतजार करना पड़ेगा। गंगा का जलस्तर अधिक होने और पानी मटमैला होने के कारण राफ्टिंग का संचालन संभव नहीं हो सकता।

15 सितंबर को पर्यटन की टीम गंगा नदी का निरीक्षण करेगी उसके बाद ही राफ्टिंग के संचालकों को हरी झंडी मिलेगी। बता दें कि 1 सितंबर से 31 जून तक गंगा में रिवर राफ्टिंग का संचालन होता है। जुलाई और अगस्त में बारिश का मौसम होने के कारण राफ्टिंग का संचालन बंद रहता है। इस बार सितंबर महीना आधा बीतने पर भी राफ्टिंग शुरू नहीं हो पाई है। बता दें साल 2022-23 में 4,31,870 पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुत्फ उठाया। इनमें शिवपुरी क्षेत्र में 2,06,586, ब्रह्मपुरी में 1,74,857 और क्लब हाउस 50,427 पर्यटकों ने राफ्टिंग की थी।

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