Manoj kaushik for NEWS EXPRESS INDIA
दिल्ली। जनहित सेवा समिति द्वारा मेरठ के पांच साहित्यकारों को दिल्ली में साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इन साहित्यकारों में कवयित्री नीलम मिश्रा तरंग, डा सुदेश यादव दिव्य, कवि चंद्र शेखर मयूर, कवयित्री मुक्ता शर्मा और कवयित्री रचना सिंह वानिया को साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया। यह भव्य सम्मान समारोह कनाड प्लेस के बंगा सांस्कृतिक भवन नई दिल्ली में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के पहले चरण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया और दूसरे चरण में साहित्यकारों को साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत मां शारदे के सम्मुख महेश हंसमुख, डा जयसिंह आर्य, प्रेमकमल सैनी सहित सभी अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण से हुई। कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत डा सुदेश यादव दिव्य ने कुछ इस प्रकार मां शारदे की वंदना करते हुए कहा— दिया है मैया ने ज्ञान इतना हर एक प्रतिभा दिखा रहा है, कोई सुरों को सजा रहा है, तो कोई पंचम में गा रहा है। कवयित्री मुक्ता शार्मा ने सुनाया— मुहब्बत बख़्श दी हमको तेरा अहसान है यारा, तू ही अपनी इबादत है तू ही ईमान है यारा। मिले जन्नत अगर बदले में तेरे हम नहीं लेंगे, न ये सौदा करेंगे हम हमें नुकसान है यारा। गजल सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। डा सुदेश यादव दिव्य ने सुनाया— मस्त है आज मौसम चले आईये, पहन पायलिया छम—छम चले आइये, ये बतायेंगे मिलकर तुम्हें रूबरू, कितने बेचैन हैं हम चले आइये। सुनाकर श्रोताओं को प्रेमरस में खूब डूबकी लगवाई। कवि चन्द्रशेखर मयूर ने सुनाया— फिर जनम लूं मैं अपने वतन के लिए, खुशबू बनकर भी महकूं चमन के लिए। दिल की अंतिम यही कामना है मेरी, फिर तिरंगा मिले बस कफन के लिए। सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया। कवयित्री रचना सिंह वानिया ने सुनाया— साथ तेरे चलूं मेरा अरमान है, तुम मेरी जिंदगी तू मेरी जान है। तेरी आगोश में हर घड़ी मैं रहूं,
तू ही मेरा खुदा मेरा भगवान है। सुनाकर खूब तालियां बटोरी। कवयित्री नीलम मिश्रा तरंग ने सुनाया— अगर इंसानियत का हर जगह पैगाम हो जाये, तो दुनिया में मोहब्बत का बड़ा सा नाम हो जाये। सलीके से ही चलना तुम मोहब्बत की मुंडेरों पर, किसी का नाम उल्फत में नहीं बदनाम हो जाए। सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम का संचालन नीलम मिश्रा तरंग ने किया। कार्यक्रम के अन्त में संस्था के अध्यक्ष महेश हंसमुख ने सभी का आभार व्यक्त किया।